आज यानी 16 अप्रैल को चार्ली चैप्लिन (Charlie Chaplin) का 130वां जन्मदिन है. एक अभिनेता और फिल्म निर्माता-निर्देशक की हैसियत से उन्होंने जो कीर्तिमान स्थापित किये उन्हें तोड़ सकना संभवतः किसी के भी बस की बात नहीं. अपने लम्बे करियर में उन्होंने एक से एक यादगार भूमिकाएं आदा कीं. दुनिया में शायद ही कोई ऐसा देश या नगर या कस्बा होगा जहाँ के निवासियों ने इस महान व्यक्तित्व के बारे में न सुन रखा हो. सबसे ऊपर उनकी छवि एक हंसोड़ मसखरे की है जिसे बच्चे-बूढ़े और सभी आयुवर्गों के लोगों के बीच समान प्रसिद्धि प्राप्त हुई.
पेश हैं चार्ली चैप्लिन के दो अनूठे किस्से:
विख्यात नाटककार चार्ल्स मैकआर्थर को एक स्क्रीनप्ले लिखने के लिए हॉलीवुड बुलाया गया था. साहित्य से गहरा जुड़ाव रखने वाले चार्ल्स मैकआर्थर की समझ में नहीं आ रहा था कि अच्छा स्क्रीनप्ले कैसे लिखा जाए. उन्हें विजुअल जोक्स लिखने में परेशानी हो रही थी.
“तो क्या परेशानी है?” उनसे चार्ली चैप्लिन ने पूछा.
“आप मुझे ये बताइये कि मैं फिफ्थ एवेन्यू में टहल रही एक मोटी औरत को केले के छिलके पर फिसलता हुआ कैसे दिखाऊँ कि लोग उस पर हंसें भी? इसे हजारों दफा लिखा-किया जा चुका है.” मैकआर्थर ने कहा. “लोगों को हंसाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है? क्या मुझे पहले केले का छिलका दिखाना चाहिए, उसके बाद मोटी औरत को उसकी तरफ आते हुए, और उसके बाद वह फिसल जाती है?”
“ऐसा कुछ भी नहीं!” एक क्षण को झिझके बगैर चार्ली चैप्लिन बोले – “आप मोटी औरत को आते हुए दिखाइये, फिर आप केले के छिलके को दिखाइये; उसके बाद आप केले के छिलके और मोटी औरत दोनों को एक साथ दिखाइये. इसके बाद वह औरत केले के छिलके पर पैर धरेगी और सामने के मैनहोल में गायब हो जाएगी.”
दूसरा किस्सा
मोंटे कार्लो में एक प्रतियोगिता चल रही थी. इस में प्रतिभागियों को चार्ली चैप्लिन जैसा बन कर आना था. चार्ली चैप्लिन खुद उस में भाग लेने पहुँच गए और उन्हें तीसरा स्थान मिला.
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