Featured

अब गैरसैंण के सहारे उत्तराखण्ड के सीएम

अपने विरोधियों को चित करने और अपनी सरकार की राज्य में स्वीकार्यता बनाये रखने के लिए त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर एक नया मुद्दा उछाल दिया है. (Trivendra Rawat’s new maneuver)

मोदी की बात जनता ने मान ली

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य की जनता से आह्वान किया था कि वह डबल इंजन की सरकार चुनें. मतलब केन्द्र में भाजपा है तो राज्य में भी भाजपा की सरकार बने जिससे जनता को फायदा हो. मतदाताओं ने भी प्रधानमंत्री मोदी की बात मान ली. राज्य की जनता ने कांग्रेस को खारिज करके भाजपा की प्रचंड बहुमत वाली सरकार बना दी जिसके मुखिया त्रिवेन्द्र सिंह रावत चुने गये.

सीएम रावत मुश्किल में पहुंचे

सीएम रावत का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है. सीधे तौर पर बात करें तो राज्य में सत्ता विरोधी रुझान स्पष्ट तौर पर दिख रहा है. पिछले दिनों सीएम ने दिल्ली तक की दौड़ की क्योंकि चर्चा हो रही थी कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है. अनुमान था कि भाजपा आलाकमान सतपाल महराज या पूर्व सीएम निशंक को सत्ता की कमान सौंप सकती है. नेतृत्व परिवर्तन की बात उठी तो उसके पीछे स्पष्ट तौर पर कारण भी दिख रहे थे.

अब भाजपा एक के बाद एक राज्यों में अपनी सरकार खोती जा रही है. झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में भाजपा ने सरकार खो दी. दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव में जहां पीएम मोदी की साख दांव पर लगी थी वहां भाजपा 70 में से केवल 8 सीटें ही जीत पायी.

उत्तराखंड की गिनती भी उन राज्यों में हो रही थी जहां सत्ता विरोधी रूझान के चलते भाजपा आने वाले विधानसभा चुनाव में नुकसान उठा सकती है.

विपक्ष के निशाने पर सीएम

त्रिवेन्द्र सिंह रावत फिलहाल उस विपक्ष के निशाने पर चल रहे हैं जो विपक्ष एकजुट नहीं रहता है. पिछले दिनों कांग्रेस ने हल्द्वानी में नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में पूरी एकजुटता दिखाई और लालटेन यात्रा निकाली. यह भी कहा गया कि बिखरी हुई कांग्रेस अब भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुट हो रही है. जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने सरकार से पदोन्नति में आरक्षण को खत्म करने की मांग की है तो एससी-एसटी कर्मचारी भी इसे बरकरार रखने के लिए हुंकार भरे हुये हैं. सत्ता की चारणभाट बनी मीडिया

16 फरवरी को उत्तराखंड में हुई फारेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा नकल की भेंट चढ़ते हुई दिख रही है. विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को सदन में भी घेरा है. जिला विकास प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी पहले से ही आमजन को परेशान कर रहे थे तो वहीं जमीनों के सर्किल रेट बढ़ाने से आमजन की दिक्कतें और बढ़ गयीं हैं. सरकार ने शराब के दाम कम किये तो रोडवेज बसों का किराया बढ़ा दिया. ऐसे में सीएम रावत कोई ऐसा मुद्दा चाहिये था जो उन्हें बैकफुट की जगह फिर से फ्रंटफुट पर ला दे.

पहाड़ में राजधानी बनाकर सीएम फिर से मैदान में

गैरसैंण में विधानसभा के बजट सत्र में सीएम रावत ने गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा कर दी. इस घोषणा के बाद कांग्रेस जहां सकते हैं वहीं सीएम फिर से मैदान में हैं. राज्य में दस साल तक कांग्रेस की भी सरकार रही है लेकिन गैरसैंण को लेकर वह इतना बड़ा कदम कभी भी नहीं उठा पायी. हालांकि उक्रांद स्थानीय दलों तथा संगठनों का कहना है कि सरकार को इसे स्थाई राजधानी बनाना चाहिये था लेकिन सीएम ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर कांग्रेस के मुकाबले तो बढ़त पा ही ली है. अब अन्य जो मुद्दे सीएम रावत को परेशान कर रहे हैं वह सभी मुद्दे फिलहाल पीछे की ओर चले जायेंगे और गैरसैंण के सहारे सीएम फिर से राजनीति के मैदान में जोर आजमाइश करते दिखेंगे. (Trivendra Rawat’s new maneuver)

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

हल्द्वानी में रहने वाले नरेन्द्र देव सिंह एक तेजतर्रार पत्रकार के तौर पर पहचान रखते हैं. उत्तराखंडी सरोकारों से  जुड़ा फेसबुक पेज ‘पहाड़ी फसक’ चलाने वाले नरेन्द्र इस समय उत्तराँचल दीप के लिए कार्य कर रहे हैं. विभिन्न मुद्दों पर इनकी कलम बेबाकी से चला करती है.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Sudhir Kumar

Recent Posts

कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब

1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी.…

4 days ago

कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम

कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल…

6 days ago

‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा

‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया…

1 week ago

पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा

वनस्पति जगत के वर्गीकरण में बॉहीन भाइयों (गास्पर्ड और जोहान्न बॉहीन) के उल्लेखनीय योगदान को…

1 week ago

पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश

पृथ्वी दिवस पर विशेष सरकारी महकमा पर्यावरण और पृथ्वी बचाने के संदेश देने के लिए…

2 weeks ago

‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक

पहाड़ों खासकर कुमाऊं में चैत्र माह यानी नववर्ष के पहले महिने बहिन बेटी को भिटौली…

2 weeks ago