आज चन्द्रसिंह गढ़वाली द्वारा पेशावर में की गयी एक ऐतिहासिक घटना की जयन्ती है
1994 में भारत सरकार ने उनकी फोटू वाला एक डाक टिकट जारी किया और नामकरण किये जाने से छूट गईं एकाध सड़कों के नाम उनके नाम पर रख दिए. उत्तराखंड बनने के बाद जब राज्य सरकार को अपने स्थानीय नायकों... Read more
डांडी यात्रा में उत्तराखंड के सत्याग्रही
भारत के इतिहास में 12 मार्च का दिन ख़ास है. आज ही के दिन 1930 को महात्मा गांधी ने डांडी मार्च शुरु किया था. साबरमती से शुरु इस पैदल यात्रा के शुरु होने के बाद महात्मा गांधी भारत आजाद होने के... Read more
पिछली कड़ी का लिंक: हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने- 68 हल्द्वानी शहर (Haldwani City) में विभिन्न सांस्कृतिक (Cutural) टोलियों के साथ बागेश्वर, सालम, जागेश्वर आदि स्थानों से पारम्परिक वा... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 68
पिछली कड़ी का लिंक: हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने- 67 हल्द्वानी का विस्मृत इतिहास (Forgotten History of Haldwani) सामाजिक समरसता का भी इतिहास रहा है. यहाँ विभिन्न समुदायों के ढेरों संग... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 67
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 67 पिछली कड़ी का लिंक: हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने- 66 यह अप्रत्याशित दुर्घटना केवल हल्द्वानी (Haldwani) के ही हिस्से आयी हो ऐसी बात तो नहीं अलब... Read more
स्वामी विवेकानन्द की उत्तराखण्ड यात्राएँ
स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda) ने अपने जीवनकाल में उत्तराखण्ड (Uttarakhand) की चार बार यात्रा की. स्वामी विवेकानन्द द्वारा अपने मित्रों को लिखे पत्रों, उनके साथ भारत आये उनके शिष्यों... Read more
1857 का ग़दर और उत्तराखंड
1857 की क्रान्ति तक कुमाऊँ में गार्डनर, ट्रेल, गोवन, लुशिंगटन और बैटन के नेतृत्व में ब्रिटिश कंपनी के शासन को 42 साल गुजर चुके थे. गदर के दौरान कुमाऊँ का कमीश्नर हैनरी रैमजे था. हैनरी रैमजे... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 59
सन 1900 के करीब अलीगढ़ के गांव काजमाबाद से रामचन्द्र जी भी यहां आये और साझे में हलवाई की दुकान पर कार्य शुरू कर दी. बाद में उन्होंने नया बाजार में खुद की हलवाई की दुकान खोली और फिर रस्सी बाजा... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 58
इस परिवार की दूसरी फर्म जवाहरलाल जगन्नाथ प्रसाद नाम से बनी, जिसमें मिश्री गट्टा, बूरा का कार्य होता था. सदर बाजार, पियर्सनगंज क्षेत्र में इनका कारोबार था. लाला जगन्नाथ प्रसाद आयुर्वेद के अच्... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 57
यूसुफ साहब बताते हैं कि उन्होंने बचपन में अपने बुजुर्गों से रामगढ़, नथुवाखान, बागेश्वर इत्यादि नाम सुने थे. इन जगहों में वह जाया करते थे. वह फख्र से कहते हैं कि बंजारा बिरादरी पर पहाड़ को पूरा... Read more
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