uttarakhand history

सालम क्रांति के नेता प्रताप सिंह बोरा द्वारा क्रांति का आँखों देखा हाल

उस रात नौगांव में हम लोग एक मकान में योजना बना रहे थे कि पटवारियों ने हमें घेर लिया और…

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1942 में आज ही के दिन हुई थी सालम क्रांति

‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में कुमाऊं के जनपद अल्मोड़ा में स्थित सालम पट्टी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. अल्मोड़ा जनपद के…

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कुमाऊं के पहाड़ों में ऐसे लोग हैं जिनके पंख होते हैं और जो उड़ भी सकते हैं : बदायूंनी

रुद्रचंद, चंद शासकों में सबसे शक्तिशाली शासक के रूप में जाना जाता है. रुद्रचंद के शासन काल में ही चंद…

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नंदा देवी की मान्यताएं, इतिहास और नंदा देवी मेला

शायद ही किसी पर्वत से देशवासियों का इतना जीवन्त रिश्ता हो जितना नंदादेवी से उत्तराखंड क्षेत्र के लोगों का है.…

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डॉ शिवप्रसाद डबराल : जिन्होंने अपनी जमीन बेचकर भी उत्तराखंड का इतिहास लिखा

छः वर्षों तक सूरदास बने रहने के कारण लेखन कार्य रुक गया था. प्रकाशन कार्य में निरंतर घाटा पड़ने से…

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तब कुत्ता टैक्स भी देना होता था नैनीताल में

आज जब नैनीताल अपने अस्तित्व को बचाने के लिए अनेक स्तरों पर जूझ रहा है यह देखना दिलचस्प होगा कि…

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इष्टदेव से न्याय पाने की गुहार है घात डालना

यूँ तो घात लगाने का सामान्य अर्थ होता है, शिकायत, चुगली अथवा किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ कही गयी बात…

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ताम्र शिल्प में अल्मोड़ा को अन्तराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाला तामता समुदाय

उत्तराखंड का तामता (टम्टा) समुदाय उत्तराखंड का प्राचीन ऐतिहासिक नगर अल्मोड़ा कला व संस्कृति के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान…

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कुमाऊं का एक राजा जिसके खिलाफ रसोई दरोगा और राजचेली ने षडयंत्र रचा

ई. शर्मन ओकले ने अपनी किताब 'होली हिमालयाज' में लिखा है कि चंद राजाओं के समय राजा ने आत्मरक्षा के…

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राजा ज्ञानचंद को गरुड़ज्ञानचंद क्यों कहते हैं?

चन्द शासकों में सबसे ज्यादा समय तक गद्दी में बैठने वाले शासक का नाम है राजा ज्ञानचंद. कुछ लोगों ने…

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