uttarakhand culture

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 110

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

5 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 109

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

5 years ago

हींग लगे न फिटकरी, मालिक की जै-जै : मेले कैसे-कैसे

कहो देबी, कथा कहो – 34 पिछले कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 33 वह नई शाखाओं के खुलने और…

5 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 108

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

5 years ago

उत्तराखंड ग्रामीण संस्कृति का हिस्सा ‘दाल-भात’

दाल-भात का उत्तराखंड ग्रामीण संस्कृति में पहला स्थान है. नामकरण, जनेव, शादी, बरसी सभी में दाल-भात मुख्य भोजन होता था.…

5 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 107

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

5 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 106

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

5 years ago

नाटक में नाटक

कहो देबी, कथा कहो – 33 पिछले कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 32 नौकरी की आपाधापी में ही जब…

5 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 105

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

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कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 104

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

5 years ago