Travel in Kumaon

बड़े दिल वाले होते हैं जसुली शौक्याणी के गांव ‘दांतू’ में रहने वाले लोग

सामने पंचाचूली बांहें फैलाए दिखी. उसका ग्लेशियर किसी खौलते हुए लावे की तरह डरावना प्रतीत हो रहा था. कुछ पलों…

4 years ago

दारमा के बेदांग में तैनात पंचाचूली के पहरेदार

'क्यों आए, कैसे आए, परमिट दिखाओ...' के सवाल उठने लाजमी थे. इस पर हमने उन्हें अपने परमिट दिखाए. रजिस्टर में…

4 years ago

गहरे हरे रंग का गौरीकुंड और सिनला पास का शिखर

पंकज, पूरन और महेशदा तेजी से चल रहे थे. उनके पीछे कुछ दूरी पर संजय था और सबसे पीछे बेढब…

4 years ago

अद्भुत है पार्वती ताल

लगभग दो किमी की परिधि से घिरा पार्वती ताल बेहद खूबसूरत था. ताल किनारे चहल-कदमी करते हुए पंकज और मैं…

4 years ago

कुटी गाँव का महाभारत के साथ सम्बन्ध

कुटी से ज्योलिंगकांग करीब 13 किमी का रास्ता शांत और धीरे-धीरे ऊंचाई लिए है. कुटी गांव की सीमा पर पानी…

4 years ago

कुटी गांव का इतिहास और उससे जुड़े रोचक किस्से

बच्ची अपने नेपाली गीतों में ही खोई हुई थी. तभी मेरे मित्र डी.एस.कुटियालजी आते दिखे. मैं उनकी ओर लपक लिया.…

4 years ago

हिमालय की तरह विशाल हृदय वाले होते हैं वहां रहने वाले लोग

सुबह जागे तो बाहर का नजारा शांत था. सर्पाकार कुट्टी यांग्ती नदी के सामने सूरज की किरणों से सुनहरी आभा…

4 years ago

अब दिखावे का ही रह गया है भारत-तिब्बत व्यापार

नाभीढांग की सुबह खुशनुमा था. चाय पीकर हमने वापसी की राह पकड़ी. कालापानी पहुंचने पर पता चला कि आगे कहीं गर्म…

4 years ago

घंटों निहार सकते हैं ॐ पर्वत के प्राकृतिक श्रृंगार को

साथियों की त्योरियां चढ़ने पर पंकज मुस्करा दिया. उसने सफाई दी, "अरे! कोर्स में यही सब सिखाया जाता है... क्या…

4 years ago

महाकाली नदी के उद्गम पर स्थित मां काली का भव्य मंदिर

गुंजी से निकलते-निकलते आठ बज गए. आगे लंबे मैदान में एक जगह एक शिलापट्ट स्थापित था. ऐसा लग रहा था…

4 years ago