Sunder Chand Thakur

इन चार उपवासों से बनाएं जीवन को और बेहतरइन चार उपवासों से बनाएं जीवन को और बेहतर

इन चार उपवासों से बनाएं जीवन को और बेहतर

अगर आप अपने लिए शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की कामना करते हैं, तो आपको चार तरह के उपवास…

5 years ago
अतीत को छोड़ दो, बंधनों को तोड़ दोअतीत को छोड़ दो, बंधनों को तोड़ दो

अतीत को छोड़ दो, बंधनों को तोड़ दो

जन्म के वक्त हम सभी शरीर और दिमाग के स्तर पर एक जैसे होते हैं, लेकिन हम जीवनकाल में अपने…

5 years ago
क्या आप अपने मोबाइल से ज्यादा ताकतवर हैं?क्या आप अपने मोबाइल से ज्यादा ताकतवर हैं?

क्या आप अपने मोबाइल से ज्यादा ताकतवर हैं?

मेरे परिचितों में कई लोग हैं जो विपश्यना के लिए दस-दस दिनों के कैंपों में जाते हैं. इन कैंपों में…

5 years ago
खुश होना या दुखी होना हमारा चुनाव हैखुश होना या दुखी होना हमारा चुनाव है

खुश होना या दुखी होना हमारा चुनाव है

हमें खुश होना है या दुखी होना है, यह चुनाव हमेशा हमारे हाथ में रहता है. सामान्यत: हमें लगता है…

5 years ago
दुखी रहना कहीं आपकी आदत तो नहीं बन गया हैदुखी रहना कहीं आपकी आदत तो नहीं बन गया है

दुखी रहना कहीं आपकी आदत तो नहीं बन गया है

 थोड़ा-सा अटपटा तो लग सकता है, पर सच यही है कि हम अपनी मर्जी से ही दुखी होते हैं. कोई…

5 years ago
वो शेर ओ शायरी, वो कविता और वो बाबा नागार्जुन का शहर में आनावो शेर ओ शायरी, वो कविता और वो बाबा नागार्जुन का शहर में आना

वो शेर ओ शायरी, वो कविता और वो बाबा नागार्जुन का शहर में आना

पहाड़ और मेरा जीवन – 65 (पिछली क़िस्त: वो मेरा ‘काटो तो खून नहीं’ मुहावरे से जिंदा गुजर जाना तेरी बज्म…

5 years ago
वो मेरा ‘काटो तो खून नहीं’ मुहावरे से जिंदा गुजर जानावो मेरा ‘काटो तो खून नहीं’ मुहावरे से जिंदा गुजर जाना

वो मेरा ‘काटो तो खून नहीं’ मुहावरे से जिंदा गुजर जाना

पहाड़ और मेरा जीवन – 64 (पिछली क़िस्त:  सुंदर लाल बहुगुणा से जब मिला मुझे तीन पन्ने का ऑटोग्राफ )…

5 years ago
सुंदर लाल बहुगुणा से जब मिला मुझे तीन पन्ने का ऑटोग्राफसुंदर लाल बहुगुणा से जब मिला मुझे तीन पन्ने का ऑटोग्राफ

सुंदर लाल बहुगुणा से जब मिला मुझे तीन पन्ने का ऑटोग्राफ

पहाड़ और मेरा जीवन – 63 (पिछली क़िस्त: और मैंने कसम खाई कि लड़कियों के भरोसे कॉलेज में कोई चुनाव…

5 years ago
और मैंने कसम खाई कि लड़कियों के भरोसे कॉलेज में कोई चुनाव नहीं लड़ूंगाऔर मैंने कसम खाई कि लड़कियों के भरोसे कॉलेज में कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा

और मैंने कसम खाई कि लड़कियों के भरोसे कॉलेज में कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा

पहाड़ और मेरा जीवन – 62 (पिछली क़िस्त: और मैं जुल्फ को हवा देता हुआ स्कूल से कॉलेज पहुंचा) मैंने…

5 years ago
और मैं जुल्फ को हवा देता हुआ स्कूल से कॉलेज पहुंचाऔर मैं जुल्फ को हवा देता हुआ स्कूल से कॉलेज पहुंचा

और मैं जुल्फ को हवा देता हुआ स्कूल से कॉलेज पहुंचा

पहाड़ और मेरा जीवन- 61 (पिछली क़िस्त: गरीब के गुरूर को मत जगाना कभी, मैंने चश्मे वाले को यूं दी…

5 years ago