Pramod Sah

मडुवा, झुगंरा और मोटे अनाज बचा सकते हैं पहाड़ की जवानी और जमीनमडुवा, झुगंरा और मोटे अनाज बचा सकते हैं पहाड़ की जवानी और जमीन

मडुवा, झुगंरा और मोटे अनाज बचा सकते हैं पहाड़ की जवानी और जमीन

उत्तराखंड में चुनाव का मौसम है, उत्तराखंड राज्य गठन के वक्त एक नारा हवाओं में तैरता था- आज दो अभी…

3 years ago
उत्तराखंड की जमीन और जमीर को बचा सकती है चकबंदीउत्तराखंड की जमीन और जमीर को बचा सकती है चकबंदी

उत्तराखंड की जमीन और जमीर को बचा सकती है चकबंदी

इन दिनों उत्तराखंड की सामरिक और सामाजिक महत्त्व की भूमि को बचाने के लिए "विशेष भूमि कानून" की मांग की…

4 years ago
बिमला नौटियाल जिन्होंने सुंदरलाल को बहु-गुणा बना दियाबिमला नौटियाल जिन्होंने सुंदरलाल को बहु-गुणा बना दिया

बिमला नौटियाल जिन्होंने सुंदरलाल को बहु-गुणा बना दिया

चिपको एवं गांधीवादी विचारों की प्रयोगशाला के रूप में अपनी अन्तराष्ट्रीय पहचान बनाने वाले स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा के एक सक्रिय…

4 years ago
चने के डुबके बढ़ाते हैं इम्यूनिटीचने के डुबके बढ़ाते हैं इम्यूनिटी

चने के डुबके बढ़ाते हैं इम्यूनिटी

डुबके पर्वतीय खानपान का अभिन्न अंग है. आमतौर पर डुबके भट्ट के बनाए जाते हैं. चूंकि भट्ट गरम होता है,…

4 years ago
आधी आबादी का बराबरी के लिये संघर्षआधी आबादी का बराबरी के लिये संघर्ष

आधी आबादी का बराबरी के लिये संघर्ष

यूं तो वर्ष 8 मार्च 1908 में न्यूयॉर्क शहर में 15 हजार महिला मजदूरों ने अपने काम के घंटे तय…

4 years ago
उत्तराखंड में वन्यजीव संघर्ष, पर्यावरण और समाज का मिश्रित सवालउत्तराखंड में वन्यजीव संघर्ष, पर्यावरण और समाज का मिश्रित सवाल

उत्तराखंड में वन्यजीव संघर्ष, पर्यावरण और समाज का मिश्रित सवाल

गढ़वाले मा बाघ लागो,बाघ की डरा… ब्याखूली ए जये घर चैय्ला, अज्याल बाघ की भै डर… गढ़वाल का लोकगीत हो…

4 years ago
बीमार पड़ते नैनीताल शहर का संघर्ष: कल, आज और कलबीमार पड़ते नैनीताल शहर का संघर्ष: कल, आज और कल

बीमार पड़ते नैनीताल शहर का संघर्ष: कल, आज और कल

1842 के बाद एक शहर के रूप में अस्तित्व में आए नैनीताल शहर को वैदिक काल से त्रि ऋषि सरोवर…

5 years ago
ईजा की बाटुली : हिचकी से अधिक आत्मीय यादईजा की बाटुली : हिचकी से अधिक आत्मीय याद

ईजा की बाटुली : हिचकी से अधिक आत्मीय याद

बढ़ती उम्र के साथ पहाड़ में अकेले न रह पाने की विवशता के कारण गोविंदी हल्द्वानी आकर मकानों के जंगल…

5 years ago
उत्तराखंड के इतिहास में ऐतिहासिक शर्म का दिन है आजउत्तराखंड के इतिहास में ऐतिहासिक शर्म का दिन है आज

उत्तराखंड के इतिहास में ऐतिहासिक शर्म का दिन है आज

अपनी समस्याओं को लगातार पत्र और सभाओं के माध्यम से दरबार को बताने के प्रयासों के बाद भी अहंकारी दीवान…

5 years ago
तिलाड़ी काण्ड की पृष्ठभूमि तैयार करने वाले जन आन्दोलनों का एक विस्तृत अध्ययनतिलाड़ी काण्ड की पृष्ठभूमि तैयार करने वाले जन आन्दोलनों का एक विस्तृत अध्ययन

तिलाड़ी काण्ड की पृष्ठभूमि तैयार करने वाले जन आन्दोलनों का एक विस्तृत अध्ययन

1803 में गोरखाओं से पराजित होकर राज्य खो देने प्रद्युमन शाह की मृत्यु के बाद 1815 में अंग्रेजों की मदद…

5 years ago