Neeraj Bhatt

शिखरों के स्वर : ‘स्त्रीधन’ गौरा मैसर तीज

लॉ की पढ़ाई करते वक़्त हिन्दू लॉ की किताब में शादी के शीर्षक में एक शब्द पढ़ा था "स्त्रीधन" यानी…

4 years ago

शहर की परिधि से दूर अपनी जड़ों को लौटते पहाड़ी प्रवासी

जून का पहला हफ्ता कुछ गर्म थपेड़ों वाला लेकिन मानसून की आश में झूमता हुआ मानसून पूर्व बारिशों में भीग…

5 years ago

एक चिट्ठी कोरोना दौर के हवाले से

देर रात तक ख्वाबों में भटकने वाली आँखें सुबह देर से ही उठने के रिवाज़ का शौक रखती हैं मगर…

5 years ago

अपने ही कलाकारों का तिरस्कार कर संस्कृति का कैसा महोत्सव मनाया जा रहा है अल्मोड़ा में

मैं ये बात अब कहना जरूरी समझता हूँ या अब चुप नहीं रहा जाता. कल ठीक इसी समय फ़ोन पर…

5 years ago

रसमलाई का ज़ायका

अब से तुम्हारे साथ कहीं आना ही नही है... कहीं नहीं. शिखर होटल चौराहे से एनटीडी की ओर जाती लिंक…

6 years ago