Kshitij Sharma

प्रतीक्षा: अपने पति की ख़ोज में दिल्ली आई ‘भागुली काकी’ की कहानीप्रतीक्षा: अपने पति की ख़ोज में दिल्ली आई ‘भागुली काकी’ की कहानी

प्रतीक्षा: अपने पति की ख़ोज में दिल्ली आई ‘भागुली काकी’ की कहानी

उम्मीद-भरी प्रतीक्षा के बाद निराशा की जो अथाह थकान होती है, उसी को लेकर टूटी डाल की मानिंद-थकी-माँदी काकी लौट…

3 years ago

न जाने कितने पहाड़ी दंपत्तियों के जीवन की हकीकत है क्षितिज शर्मा की कहानी ‘लौटने के बाद’

वह सोचती है, एक महीने का समय इतना कम नहीं होता. पूरे तीस दिन होते हैं. बल्कि, तीस दिन और…

4 years ago
भविष्य: एक पहाड़ी लोहार की कहानीभविष्य: एक पहाड़ी लोहार की कहानी

भविष्य: एक पहाड़ी लोहार की कहानी

रतखाल की दुकानों से लौटे हरकराम गुमसुम से बैठे हैं. वहाँ से आते वक्त ही पैर टूटने लगे थे. दो…

4 years ago
न जाने पहाड़ के कितने परिवारों की हकीकत है क्षितिज शर्मा की कहानी झोल खाई बल्लीन जाने पहाड़ के कितने परिवारों की हकीकत है क्षितिज शर्मा की कहानी झोल खाई बल्ली

न जाने पहाड़ के कितने परिवारों की हकीकत है क्षितिज शर्मा की कहानी झोल खाई बल्ली

सर्दी ने थोड़ी राहत दे दी थी. चार दिन से रुक-रुककर बर्फ गिरने के बाद आज कुछ देर को धूप…

5 years ago
रेवती रोई नहीं : एक सशक्त पहाड़ी महिला की कहानीरेवती रोई नहीं : एक सशक्त पहाड़ी महिला की कहानी

रेवती रोई नहीं : एक सशक्त पहाड़ी महिला की कहानी

रानीखेत रोड से होती हुई रेवती लकड़ियों की गढ़ोई (बंडल) लेकर जैसे तंबाकू वाली गली से गुजरी, जमनसिंह की आँखों…

5 years ago
किसी को तो रहना है : सब कुछ बयां कर दिया है पलायन से जुड़ी इस कहानी नेकिसी को तो रहना है : सब कुछ बयां कर दिया है पलायन से जुड़ी इस कहानी ने

किसी को तो रहना है : सब कुछ बयां कर दिया है पलायन से जुड़ी इस कहानी ने

जिस वक्त हम गाँव पहुँचे, धूप चोटियों पर फैलने के बाद उतरते-उतरते पहाड़ियों के खोलों में बैठने लगी थी. हवा…

5 years ago