Keshav Bhatt

कहो केदार क्या हाल हैं : एक यात्रा वृतांत

पहली बार केदारनाथ गया तो वहां के हाल देख पर्यावणविद सुंदरलाल बहुगुणाजी का कहा याद आया कि ग्लेशियर धीरे-धीरे मरुस्थल…

2 years ago

तिवारीजी का झुनझुना बजाने में मस्त हैं आंदोलनकारी

आज एक बुजुर्ग से मुलाकात हुई तो उनके बाजार में आने का कारण यूं ही बस पूछ बैठा. इस पर…

3 years ago

द्वाली में फसे पर्यटकों का रेस्क्यू अभियान

पिंडर घाटी के द्वाली में फसे 42 देशी और विदेशी पर्यटकों को रेस्क्यू कर लिया गया है. लगभग 15 बंगाली…

3 years ago

बागेश्वर के मोहन जोशी की बांसुरी का सफ़र

बचपन में यदा-कदा बुड़-माकोट (पिताजी के ननिहाल) जाना होता था. वहां बगल के पाथरनुमा दोमंजिले घर की खिड़की पर रिश्ते…

3 years ago

नामिक गांव के शिक्षक भगवान सिंह जैमियाल

क़रीब साढ़े तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित नामिक ग्लेशियर से निकलने वाली जलधारा अपने साथ कई और धाराओं…

3 years ago

पौधों से एक बुजुर्ग का अजब प्रेम

महानगरों के साथ ही अब तो पहाड़ों में भी जमीन गायब हो मकान ही मकान बनने लगे हैं. बहरहाल अब…

3 years ago

साठ के दशक में हिमालय अंचल की यात्रा से जुड़ी यादें

चितरंजन दासजी ने उत्तराखंड के हिमालयी तीर्थों की अपनी यायावरी यात्रा को अपनी किताब 'शिलातीर्थ' में बहुत ही सजीव और…

3 years ago

रहस्यमयी रूपकुंड से जुड़ी कहानियां

रूपकुंड यहां से करीब तीन किलोमीटर दूर है. लेकिन उंचाई ज्यादा होने से रास्ता बहुत लंबा और थकान भरा महसूस…

4 years ago

बगुवावासा: रूपकुंड यात्रा का एक पड़ाव जहां से आगे पानी बहना भूल जाता है

आज बगुवावासा में पड़ाव था. रूपकुंड की तलहटी पर ठंडा पड़ाव है बगुवावासा. अविनखरक से सात किलोमीटर पर है पाथर…

4 years ago

रूपकुंड यात्रा मार्ग पर स्थित मखमली घास वाला आली बुग्याल

सुबह नाश्ते के बाद अगले पड़ाव के लिए सभी ने अपने रकसैक कंधों पर डाल लिए. दिन के खाने के…

4 years ago