Hindi Satire

व्यंग्य के लिये विषय की खोज

आज सुबह-2 फोन पर जो ख़बर मिली उसे सुन कर हम खुशी से फूले न समाये. फोन एक बहुत बड़े…

6 years ago

लोकतंत्र के पहरुवे

गैरीगुरु की पालिटिकल इकानोमी : अथ चुनाव प्रसंग-4 पिछली कड़ी- घोषणा पत्रों में चरम सुख बाजार की उथल-पुथल भरी खबर…

6 years ago

तूतू – मैंमैं

'आखिर हुआ क्या?' 'होना क्या था? वो हमें बाज़ार में मिले. हमे बहुत जाने-पहचाने से लगे.' 'फिर?' 'हम भी उन्हें…

6 years ago

व्यंग्य का जन्म किस प्रकार होता है?

कल एक मित्र का फोन आया. मित्र मुम्बई में हैं, और अभिनय के क्षेत्र में अपना नाम कमा रहे हैं.…

6 years ago

भाई साहब! मैं बाल कवि नहीं हूँ!

उसका वहां होना, जहां उसे नहीं होना चाहिये था, स्वयं में एक घटना थी. सभागृह- प्रेक्षागृह, वाचनालय- पुस्तकालय, विश्वविद्यालय-मदिरालय, ऐसे…

6 years ago

खुद को फकीर बताने वाले बड़े साहब

सिंहासन पर आसीन होने के साथ ही अपने को फकीर बताने वाले बड़े साहब ने जनता के सामने वाया सोशल…

6 years ago

घोषणा पत्रों में चरम सुख

गैरीगुरु की पालिटिकल इकानोमी : अथ चुनाव प्रसंग-3 पिछली कड़ी- गुलदाढू से सावधान भोंकता कम काटता ज्यादा है शस्य श्यामला…

6 years ago

सरकारी विभागों में पावती, सिर्फ पावती नहीं है

उस कक्ष में पांच कर्मचारी उपस्थित थे- तीन पुरुष और दो महिलायें. सभी कुछ देर पहले ही अपने-अपने स्थानों पर…

6 years ago

आम आदमी में चूसे जाने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं

कुछ दिनों पहले अचानक हमें अपनी बुद्धि पर फिर से तरस आने लगा. यह कोई नई बात नहीं थी. किसी…

6 years ago

सुंदर स्त्री जब शेर सुनाती है तो शेर आयत बन जाते हैं

'सौंदर्य की कविता' और 'कविता का सौंदर्य,' दोनों ही महत्वपूर्ण हैं. परन्तु इन दोनों से भी अधिक महत्वपूर्ण है- सौंदर्य…

6 years ago