घुघूती का महत्व देश के अन्य भागों में कितना है कह नहीं सकता किन्तु गढ़वाल-कुमाऊँ में घुघुती की छाप सबके…
मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले ‘घुघते’ आदि पकवान बनाकर दूसरी सुबह बच्चों के द्वारा कव्वों को खिलाये जाते…
ब्रह्मकमल और मोनाल को भले राज्य पक्षी एवं राज्य पुष्प का सम्मानजनक ओहदा मिल चुका हो, लेकिन लोकजीवन व लोकसाहित्य…