Dr Girija Kishore Pathak

पथरीली राहों का सफर : स्कूल और वह मौत का लठ्ठा पुल

 संस्मरण -2 यूं तो चिल्किया से दशौली, डौणू, भदीणा का कोई सीधा नाता नहीं था. प्राइमरी की पढ़ाई करने ग्राम…

3 years ago

चनका – पलायन को ठेंगा दिखाता एक मेहनती पहाड़ी

चनका ब्रिटिश भारत के नागरिक जो ठहरे. बिल्कुल 24 कैरेट की पहाड़ी पर्सनालिटी. पीठ में आज से 30 बरस पहले…

3 years ago

ज्ञानका और उनकी बरसी

अपनी उम्र के 84 बसंत पूरा कर पिछले साल आज ही के दिन ज्ञानका (काका) परलोक सिधार गए. ज्ञानका अपने…

4 years ago

पीटर बैरन ने 12 दिसम्बर 1842 को प्रथम बार किया नैनीताल में नौकायन

यूं तो कुमाऊँ में ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रवेश 8 मई 1815 को कुमाऊँ के कमिश्नर आफ रेवन्यू के रूप…

4 years ago

प्रवासी पहाड़ी की “ओ दिगौ लाली”

मैंने कल  लगभग सौ सवा सौ कुमाउँनियों को एक मैसेज किया कि सामान्यतः हम 'ओ दिगौ लाली' कब बोलते हैं? …

4 years ago

कुमाऊनी सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों की त्रिवेणी

आमा के हिस्से का पुरुषार्थ -2 कुमाऊनी में एक मुहावरा बड़ा ही प्रचलित है ‘बुढ़ मर भाग सर’ यानि कि…

4 years ago

वड़ की पीड़ा और आमा के हिस्से का पुरुषार्थ

गांव की प्रचलित कहावत है, वड़ (Division stone) माने झगड़ जड़. जब दो भाइयों के बीच में जमीन का बंटवारा…

4 years ago