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नैनीताल के चिलम सौज्यू की दास्ताननैनीताल के चिलम सौज्यू की दास्तान

नैनीताल के चिलम सौज्यू की दास्तान

बड़ा बाज़ार के पास वाले मोड़ पर ही, जहाँ किसी जमाने में घोड़ा स्टेंड था, उसी तिराहे पर, स्टेट बैंक…

6 years ago
गगास के तट पर : उत्तराखंड की समाजार्थिकी पर केन्द्रित हिंदी का पहला उपन्यासगगास के तट पर : उत्तराखंड की समाजार्थिकी पर केन्द्रित हिंदी का पहला उपन्यास

गगास के तट पर : उत्तराखंड की समाजार्थिकी पर केन्द्रित हिंदी का पहला उपन्यास

गगास के तट पर : जगदीश चन्द्र पांडे (1968) (इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : सोलहवीं क़िस्त)…

6 years ago
कब बन जाते हैं आदमी के दो चेहरेकब बन जाते हैं आदमी के दो चेहरे

कब बन जाते हैं आदमी के दो चेहरे

इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार – पंद्रहवीं क़िस्त क्या आपने इलाचंद्र जोशी के ‘प्लेंचेट’ और परामनोविज्ञान का…

6 years ago
थियेटर इन नैनीताल – उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की एक ज़रूरी किताबथियेटर इन नैनीताल – उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की एक ज़रूरी किताब

थियेटर इन नैनीताल – उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की एक ज़रूरी किताब

नैनीताल में थियेटर का इतिहास करीब एक शताब्दी पुराना है और नैनीताल नगर ने लम्बे समय से रंगमंच के क्षेत्र…

6 years ago
हिमांशु जोशी : एक सरल और निष्कलुष व्यक्ति-रचनाकार का न रहनाहिमांशु जोशी : एक सरल और निष्कलुष व्यक्ति-रचनाकार का न रहना

हिमांशु जोशी : एक सरल और निष्कलुष व्यक्ति-रचनाकार का न रहना

इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : चौदहवीं क़िस्त शैलेश मटियानी, मनोहरश्याम जोशी, शिवानी, राधकृष्ण कुकरेती, गोपाल उपाध्याय,…

6 years ago
नई कहानी के नए प्रेरक : शैलेश मटियानी और ज्ञानरंजननई कहानी के नए प्रेरक : शैलेश मटियानी और ज्ञानरंजन

नई कहानी के नए प्रेरक : शैलेश मटियानी और ज्ञानरंजन

इतने बड़े हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : तेरहवीं क़िस्त 1966 में नैनीताल से इलाहाबाद के लिए रवाना हुआ…

6 years ago
इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : ग्यारहवीं क़िस्तइतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : ग्यारहवीं क़िस्त

इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : ग्यारहवीं क़िस्त

मानकीकरण से हिंदी की टांग मत तोड़ो भाषा, मानकीकरण और व्याकरण का रिश्ता बहुत पुराना है हालाँकि बाहर से देखने…

6 years ago
इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : दसवीं किस्तइतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : दसवीं किस्त

इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : दसवीं किस्त

हमारे ब्रह्माण्ड की पहली भारतीय कहानी ( एक विदेशी का लिखा हिन्दू लोक-मिथकों का इतिहास : 'क' ) सृष्टि के…

6 years ago
इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : नौवीं क़िस्तइतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : नौवीं क़िस्त

इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : नौवीं क़िस्त

अनुवाद पढ़कर बनता है गंभीर और स्थायी पाठक भारत जैसे महादेश में जितनी भाषाएं बोली जाती हैं, उन्हें देखते हुए…

6 years ago
किशोर उत्तराखंड की जकड़किशोर उत्तराखंड की जकड़

किशोर उत्तराखंड की जकड़

उत्तराखंड अगर मानव शरीर होता तो आज किशोर होता और स्कूल छोड़कर कॉलेज जाने की तैयारी कर रहा होता. कल्पना…

6 years ago