Anand Ballabh Upreti

वह विकास यात्रा जिसके बाद ‘एन. डी. तेरे चारों ओर लीसा, लकड़ी, बजरी चोर’ नारा प्रचलित हुआ

सन् 60-70 के दशक में साम्यवादी विचारधारा के नाम पर बहुत से पाजी लोगों का जमघट मैंने यहां देखा. वे…

4 years ago

जब राष्ट्रीय स्तर के नेता भी हल्द्वानी में बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के भाषण देते थे

आजादी की लड़ाई में बहुत बड़ा योगदान देने वालों और बाद में क्षेत्र का नेतृत्व करने वालों के सम्बंध में…

4 years ago

कम शातिराना नहीं था हल्द्वानी की राजनीति में छोटेधोती-बड़ीधोती का खेल

बात स्वराज आश्रम से चल कर आजादी के दीवानों की हो रही थी. इसी क्रम में वर्तमान राजनीति पर चर्चा…

4 years ago

कुमाऊं में आजादी के सभी केन्द्रों की धुरी था हल्द्वानी का स्वराज आश्रम

आजादी के बाद और कुछ हुआ हो या न हो पर जिन्हें कोई नहीं जानता था वह ऊंची सीढ़ियां चढ़…

4 years ago

हल्द्वानी को व्यापार केंद्र बनाने के लिए हेनरी रैमजे ने काशीपुर से व्यवसायियों को बुलाया

कालाढूंगी चौराहे पर एक पेड़ के नीचे कालू सैयद या कालू सिद्ध बाबा के नाम पर लोग गुड़ चढ़ाते हैं.…

4 years ago

1914 में बनी थी नैनीताल की दुर्गालाल साह लाइब्रेरी

[पिछली क़िस्त: हल्द्वानी की सबसे पुरानी संगीत संस्था] नैनीताल में दुर्गालाल साह पुस्तकालय की अलग पहचान है. इस पुस्तकालय की स्थापना…

5 years ago

हल्द्वानी की सबसे पुरानी संगीत संस्था

[पिछली क़िस्त: जमरानी बाँध का अजब किस्सा ] बची गौड़ धर्मशाला से लगी मटरगली नाम से धीरे-धीरे एक बाजार विकसित…

5 years ago

जमरानी बाँध का अजब किस्सा

[पिछली क़िस्त: हल्द्वानी में नहरों का जाल बिछाया था हैनरी रामजे ने]   कहा गया था कि जमरानी बाँध बनाने…

5 years ago

लॉर्ड हार्डिंग ने बनवाया था काठगोदाम का वह बेजोड़ गौला पुल

[पिछली क़िस्त: 24 अप्रैल 1884 को सबसे पहले रेल पहुंची थी काठगोदाम में] काठगोदाम में गौला नदी पर सन 1913-14…

5 years ago

24 अप्रैल 1884 को सबसे पहले रेल पहुंची थी काठगोदाम में

[पिछली क़िस्त: 1888 में अंग्रेजी मिडिल स्कूल की तरह शुरू हुआ था हल्द्वानी का एम. बी. कॉलेज] लकड़ी का कारोबार…

5 years ago