Amit Srivastava

देहरादून में रहने वाले ग्यारह साल के बच्चे ने लिखी कविताओं की बड़ी किताब, देश भर में चर्चा

15 अगस्त 2008 को जन्मे दस साल के तथागत आनंद श्रीवास्तव देहरादून में रहते हैं. देहरादून निवासी डॉ. आनंद श्रीवास्तव…

5 years ago

पुलिस कर्मियों की त्रासद मृत्यु तक को मखौल में बदल देता है सोशल मीडिया

[हाल में नैनीताल के बीरभट्टी के समीप हुए हादसे में दिवंगत हुए पुलिसकर्मियों को लेकर सोशल मीडिया के कुछ हिस्सों…

5 years ago

हिन्दी में लिख रहे नौजवान लेखक ‘गहन है यह अन्धकारा’ से खूब सारे सबक सीख सकते हैं

पुलिस को खबर मिलती है कि एक जली हुई सिर कटी लाश मिली है. पुलिस तफ्तीश करती है और कई…

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दो पैसे की धूप चार आने की बारिश

दो पैसे की धूप, चार आने की बारिश कि जैसे अठन्नी की कला और सोलह आना खुशी दीप्ति नवल अदाकारा…

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रिटायरमेंट के बाद कमरे में सोएं, यही चाहते हैं बस

बहुत कुछ घुमड़ रहा था उसकी आँखों में. आँखों में देखकर बातें नहीं कर रहा था वो. सामने मेज पर…

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एस.पी. बालासुब्रमण्यम : जिनकी आवाज़ पुराने चावल की खुशबू की तरह पूरे घर में फैल जाती है

आवाज़ बहुत भारी थी वो. बहुत ही भारी. तमाम आवाज़ों के बीच जगह बनाकर भीतर जम गई. यूं कि जैसे…

5 years ago

नाम में क्या रखा है

नाना के पास कहानियां थीं. नानी तो हमारे कहानी सुनने की उम्र से पहले ही खुद कहानी हो गईं थीं…

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कायनात की तमाम साज़िशों के बावजूद गणित’ज्ञ’ नहीं हो सके हम

कायनात की तमाम साज़िशों के बावजूद गणित'ज्ञ' नहीं हो सके हम. 'क' पर ही निपट लिया मामला. उतनी ही गणित…

5 years ago

देख तो दिल कि जाँ से उठता है…

गोर किस दिलजले की है... देख तो दिल कि जाँ से उठता है... चट्टे परेशान थे. नाराज़ थे. 'हद्द है.…

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बहुत सी थर्ड डिग्रियां टहल रही हैं मार्केट में

समय की सबसे बड़ी समस्या है अविश्वास ! नहीं नहीं मैं कहूँगा गोल डिस्प्लेसमेंट! अं...ऊँ... खैर छोड़ो ! (Belief in…

5 years ago