शम्भू राणा

अल्मोड़ियापन, अल्मोड़ियत या अल्मोड़िया चाल का दस्तावेज है भूमिका जोशी की पहली किताब

‘लच्छी’ भूमिका जोशी का इसी वर्ष प्रकाशित उपन्यास है. वाणी प्रकाशन से छपा यह उपन्यास एक घर, उसके बाशिन्दों और…

4 years ago

एक अल्मोड़िया शगल ऐसा भी

अमूमन हर आदमी को कोई न कोई शौक-शगल-खब्त-आदत-लत होती है. फेहरिश्त काफी लंबी हो सकती है. इसमें कचहरी जाना भी…

5 years ago

लिखता हूँ ख़त खून से स्याही न समझाना

ख़तो-किताबत-शंभू राणा             क़ासिद के आते-आते ख़त एक और लिख रखूं,            मैं   जानता   हूँ, जो   वो   लिखेंगे   जवाब   में ख़तो-किताबत के प्रति ऐसी बेताबी…

5 years ago

ईश्वर के नाम शम्भू राणा का ख़त

प्रिय ईश्वर, आज जमाने भर बाद किसी को पत्र लिखने बैठा हूं. तुम तो जानते ही हो कि अर्सा हुआ…

5 years ago

शिकायत करो कि शिकायत करना धर्म है

शिकायत मनुष्य का मौलिक गुण धर्म है. वह जिसे किसी से शिकायत न हो उसके आदमी होने में संदेह की…

5 years ago

नए साल का कैलेण्डर, पतझड़ और मौसमे-बहार वगैरह

सभी को पता है फिर भी बताना ठीक रहता है कि नया साल आ गया. अपना मकसद नये साल की…

5 years ago

फ़िल्मों की बहार उर्फ़ जाने कहां गए वो दिन – 3

(पिछली किस्त से आगे) और नजीर हुसैन हमेशा न जाने कैसे कोई एक बेहद अमीर आदमी होता है. उसकी बीवी…

6 years ago

फ़िल्मों की बहार उर्फ़ जाने कहां गए वो दिन – 2

(पिछली क़िस्त से आगे) सिनेमा की टिकटों के लिए खिड़की खुलने से काफी पहले ही लम्बी क़तार लग जाया करती…

6 years ago

फ़िल्मों की बहार उर्फ़ जाने कहां गए वो दिन – 1

जिस तरह पुराने हीरो अब हीरो नहीं रहे, एक दम ज़ीरो हो गए हैं या दादा-नाना बनकर खंखार रहे हैं,…

6 years ago