ललित मोहन रयाल

उसके दामन की खुशबू हवाओं में है

हिंदी सिनेमा का एक सेट फार्मूला रहा है— नायक-नायिका. दोनों में अमीरी-गरीबी की खाई. इस खाई को पाटने की जद्दोजहद…

5 years ago

जब भारतीय टीम के लिए शैंपेन का बंदोबस्त वेस्टइंडीज खेमे ने किया

भारतीय उपमहाद्वीप में क्रिकेट को बहुत ऊँचा दर्जा हासिल है. 83 के वर्ल्ड कप के बाद तो यहाँ क्रिकेट का…

5 years ago

बरखा-बहार पर सिनेमाई गीत

जल स्रोत और हरियाली, कुदरत की ऐसी नियामते हैं जो आँखों को सुकून देती हैं और मन को खुशी. पेड़-…

5 years ago

मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती

कोई राष्ट्रीय जलसा रहा हो या मेला. रामलीला रही हो या नाट्य मंडली, गुजरे दौर में यह गीत हर अवसर…

5 years ago

जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मकाम, वो फिर नहीं आते

जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मकाम, वो फिर नहीं आते... इस गीत को सुनकर संवेदी श्रोता अनायास…

5 years ago

एस. डी. बर्मन के कड़े इम्तहान में कैसे पास हुआ नीरज का रंगीला रे

1955-56 की एक काव्य संध्या में देव साहब ने नीरज को सुना. उनकी कविता उन्हें इतनी भायी कि उन्होंने नीरज…

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एक हिन्दी भाषी अफसर की दक्षिण भारत यात्रा के बहाने वास्कोडिगामा और अगस्त्य मुनि के किस्से

तटस्थता और पारदर्शिता, किसी भी व्यवस्था के सबसे लोकप्रिय सिद्धांत माने जाते है, जिसके चलते अक्सर चुनाव जैसे खास आयोजनों…

5 years ago

जब दीप जले आना, जब शाम ढले आना

जब दीप जले आना जब शाम ढले आना संदेश मिलन का भूल न जाना मेरा प्यार न बिसराना जब दीप…

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जिंदगी और बता तेरा इरादा क्या है

एक हसरत थी कि आंचल का मुझे प्यार मिले मैंने मंजिल को तलाशा मुझे बाजार मिले जिंदगी और बता तेरा…

5 years ago

बैठी हूँ कब हो सवेरा रुला के गया सपना मेरा

रुला के गया सपना मेरा बैठी हूँ कब हो सवेरा वही है गमे दिल वही है चंदा तारे वही हम…

5 years ago