देवेश जोशी

पहाड़ की यादों को कैद करने वाला पिताजी का कैमरा

जिस आदमी ने ताज़िंदगी कलाई पर घड़ी न पहनी हो, अपने खरीदे रेडियो-टीवी में खबर न सुनी हो उस आदमी…

4 years ago

बच्चों के लिये पारम्परिक धुनों में लोकवाद्यों के बेहतरीन प्रयोग के साथ उत्तराखण्ड परिचय गीत श्रृंखला

यह सुखद संयोग है कि भारत सरकार द्वारा  जिस समय नयी शिक्षा नीति को स्वीकृति प्रदान की गयी ठीक उसी…

4 years ago

रूमानी नहीं रौद्र होता है पहाड़ों का सावन

 भूगोल न सिर्फ़ खानपान, वेशभूषा, आवास को बल्कि साहित्य को भी प्रभावित करता है. खासकर गीतों को. सावन को ही…

4 years ago

तस्मै श्री गुरुवे नमः – गुरु पूर्णिमा पर विशेष

द्रोणाचार्य पहले राजकीय शिक्षक थे. भीष्म पितामह द्वारा नियुक्त. उनसे पहले भी कुछ रहे होंगे पर उनका स्टेटस कैबिनेट दर्जे…

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गीत-लोकगीत की सीमारेखा मिटाने वाला गीत : घुघूती घुरूण लगी म्यारा मैत की

डिप्लोमा इंजीनियरिंग के उस लड़के का सुनाया किस्सा मैं कभी नहीं भूल सकता. भूलने वाली बात है भी नहीं. रैगिंग…

4 years ago

बिजलि भूमि : जनपक्षीय आंदोलनों को आवाज़ देने वाला नरेन्द्र सिंह नेगी का जनगीत

केदारनाथ आपदा को सात साल हो गए हैं पर घाव अब भी बने हैं. अनियोजित विकास भी इसके प्रमुख कारणों…

4 years ago

बचपन की सबसे सुरीली यादों में से एक का नाम है हीरा सिंह राणा

बचपन की सबसे सुरीली यादों में से एक का नाम है हीरा सिंह राणा. वो बचपन जिसे कुमाउंनी और गढ़वाली…

4 years ago

पहाड़ में हर आम-ओ-ख़ास के कवि हैं शेरदा

शेरदा अनपढ़, उत्तराखण्ड के एक ऐसे कवि जिसे काव्यकर्म के लिए किसी पढ़ाई-लिखाई की जरूरत न थी. फिर भी समाज…

4 years ago

घुघूति बासूति ई-बुक : बच्चों के लिए अद्भुत उपहार

अगर कोई मुझे पूछे कि बच्चों के गीतों और प्रौढ़ों की कविताओं में क्या अंतर होता है तो मैं कहूंगा,…

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हेमवती नंदन बहुगुणा का बचपन और प्रारम्भिक शिक्षा

दुनिया मुझे हेमवती नंदन बहुगुणा के नाम से जानती है. गाँव वालों के लिए मैं कळ्या था. साँवले वर्ण के…

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