अमित श्रीवास्तव

कोरोना महामारी के समय एक जरुरी लेखकोरोना महामारी के समय एक जरुरी लेख

कोरोना महामारी के समय एक जरुरी लेख

दुनिया नहीं खत्म होने वाली लेकिन कुछ लोग होंगे जिनकी पूरी दुनिया खत्म हो जाने वाली है. पूरी दुनिया अब…

5 years ago
छुअ जिन मोरे लालछुअ जिन मोरे लाल

छुअ जिन मोरे लाल

सीन वन: सलामी आज से तकरीबन पच्चीस बरस पहले का होगा ये वाक़िया. गर्मियों के दिन थे और अपने बड़े…

5 years ago
ओएशडी सैप कह लो चाहे निजी शचिव कह लो – नीश हर जगह होने वाले हुए उत्राखंड मेंओएशडी सैप कह लो चाहे निजी शचिव कह लो – नीश हर जगह होने वाले हुए उत्राखंड में

ओएशडी सैप कह लो चाहे निजी शचिव कह लो – नीश हर जगह होने वाले हुए उत्राखंड में

उसने अपनी फुलौड़ी नाक को ज़रा सा टेढ़ीयाया और बोला- 'वरफ़ारी हो रई वरफ़ारी' (Personal Secretaries of Modern Politicians Satire)…

5 years ago
मातृभाषा राजभाषा सम्पर्क भाषा राष्ट्रभाषा… कौन सी भाषा?मातृभाषा राजभाषा सम्पर्क भाषा राष्ट्रभाषा… कौन सी भाषा?

मातृभाषा राजभाषा सम्पर्क भाषा राष्ट्रभाषा… कौन सी भाषा?

इस भुस्कैट हो चले विवाद से बेहतर है हम भाषा के मुद्दे को एक अलहदा तरीके से समझने की कोशिश…

5 years ago
कल्पनीय सच का विधान : चंदन पांडेय के उपन्यास ‘वैधानिक गल्प’ के बहाने ‘आज’ से जिरहकल्पनीय सच का विधान : चंदन पांडेय के उपन्यास ‘वैधानिक गल्प’ के बहाने ‘आज’ से जिरह

कल्पनीय सच का विधान : चंदन पांडेय के उपन्यास ‘वैधानिक गल्प’ के बहाने ‘आज’ से जिरह

सबकुछ सायास है वैधानिक गल्प में. उसके इस तरह से होने पर बहस होनी चाहिए क्योंकि जान बूझकर किसी घटना,…

5 years ago
बार बार तारीख को बदला है छात्रों नेबार बार तारीख को बदला है छात्रों ने

बार बार तारीख को बदला है छात्रों ने

फरवरी का पहला दिन था. साल उन्नीस सौ साठ. सत्रह से उन्नीस बरस के चार लड़के अमरीका के उत्तरी कैरोलिना…

5 years ago
नए साल पर दूरदर्शन के जमाने की मीठी यादेंनए साल पर दूरदर्शन के जमाने की मीठी यादें

नए साल पर दूरदर्शन के जमाने की मीठी यादें

नए साल की ईव पर (न्यू इयर्स ईव जैसे फ्रेज़ ने भी जीवन में उन प्रोग्रामों की वजह से ही…

5 years ago
जाता हुआ साल और लोकतंत्र के व्याकरण का गणितजाता हुआ साल और लोकतंत्र के व्याकरण का गणित

जाता हुआ साल और लोकतंत्र के व्याकरण का गणित

साल के आख़िरी दिनों में जब हमारी पीढ़ी के पढ़े-लिखे-एम एन सी जैसी अबूझ नागरिकता वाली कम्पनियों में लगे, ज़्यादातर…

5 years ago
इट इज़ नॉट ब्लाइंडनेस इट्स अ ब्लाइंडफ़ोल्डइट इज़ नॉट ब्लाइंडनेस इट्स अ ब्लाइंडफ़ोल्ड

इट इज़ नॉट ब्लाइंडनेस इट्स अ ब्लाइंडफ़ोल्ड

रिटायर होने के तीन माह पूर्व उनसे एक अनौपचारिक बातचीत थी. - अब तक कितने?  - एक भी नहीं  -…

5 years ago
अपनी निगाह पर भी निगाह रखियेअपनी निगाह पर भी निगाह रखिये

अपनी निगाह पर भी निगाह रखिये

आईपीसी में अपना बचाव करने का अधिकार है, न कर पाने का 'अपराध' नहीं है. कोई धारा नहीं जिसमें सेल्फ…

5 years ago