अमरीकी टीवी कार्यक्रम गेम ऑफ़ थ्रोंस दुनिया के लोकप्रिय टीवी कार्यक्रमों में शुमार है. जॉर्ज आर मार्टिन की किताब पर आधारित यह टीवी कार्यक्रम भारतीय युवाओं के बीच भी ख़ासा लोकप्रिय रहा है. सिंहासन के लिये लड़ी जाने वाली रोमांचक लड़ाई प्रस्तुत करने वाली यह टीवी सीरीज 2011 में शुरू हुई थी जिसने आये दिन नये-नये रिकार्ड कायम किये.
(Swords Hollywood Uttarakhand)
कई सीजन में कही गयी इस कहानी का एक दिलचस्प पहलू उत्तराखंड से भी जुड़ा है. गेम ऑफ थ्रोन्स में दर्शाये गये फाइट सीन्स काफ़ी दिलचस्प रहे हैं और उससे दिलचस्प रहे हैं उनमें इस्तेमाल किये जाने वाले हथियार. बहुत कम लोग जानते हैं कि गेम ऑफ थ्रोन्स में इस्तेमाल की गयी लगभग सभी तलवारों को उत्तराखंड की एक कम्पनी ने बनाया है.
विंडलास स्टील क्राफ्ट नाम की कम्पनी दुनियाभर के सैन्य समारोहों में इस्तेमाल होने वाली तलवारों की अधिकारिक निर्माता है. उत्तराखंड के देहरादून में इस कपंनी की स्थपाना 1943 में वी. पी. विंडलास ने की थी. यह वही कम्पनी है जिसने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान गोरखा रेजीमेंट के लिये खुकरी का निर्माण किया था.
(Swords Hollywood Uttarakhand)
विंडलास स्टील क्राफ्ट कई अन्य चर्चित हॉलीवुड फिल्मों के लिये भी हथियार बना चुकी है. ट्रॉय, बैटमैन, पाईरेट्स ऑफ़ कैरिबियान 2 और 3, क्रानिकल ऑफ़ नार्निया, क्वांटम ऑफ़ सोलेश, इंडियाना जोंस जैसी अनेक फ़िल्में हैं जिनके हथियार इसी कम्पनी ने बनाये हैं. यही नहीं इस कम्पनी के द्वारा ही अमरीकी सेना की सेरेमोनियल तलवारें भी उत्तराखंड में बनायीं जाती हैं.
देहरादून के बालावाला स्थित विंडलास स्टील क्राफ्ट अमेरीकी सेना के अतिरिक्त ब्रिटिश रायल नेवी, कोलंबियाई पुलिस आदि के लिये भी सेरेमोनियल तलवारें का निर्माण करती है.
(Swords Hollywood Uttarakhand)
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…