‘गगनयान मिशन’ 16 मिनट में ही तीन भारतीय पहुंचेंगे अंतरिक्ष

इसरो के अध्यक्ष के.सिवन ने 14 सालों से फाइलों में अटका मानवयुक्त अंतरिक्ष यान की घोषणा की है. गगनयान, इसरो के सबसे बड़े रॉकेट जीएसएलवी यानी जिओ सिंक्रोनस सेटेलाइट लॉन्च वेहिकल मार्कथ्री के जरिए लॉन्च किया जाएगा. देश के पहले ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम पर जाने वाले तीन लोग श्रीहरिकोटा से लॉन्च के महज 16 मिनट बाद स्पेस में होंगे भारत के पहले मानव रहित अंतरिक्ष मिशन को लेकर इसरो के वैज्ञानिक भी काफी उत्साहित हैं. इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कहा कि गगन यान मिशन चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसरो इस लक्ष्य को भी हासिल करने की क्षमता रखता है.

के.सिवन ने कहा कि इसरो ने अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने की प्रौद्योगिकी विकसित करने का काम 2004 में ही शुरू कर दिया था, लेकिन यह परियोजना ‘प्राथमिकता सूची’ में नहीं थी. पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष में भेजे गये अन्य मानव मिशनों की तुलना में यह बहुत किफायती होगा. किसी भारतीय को अपने दम पर अन्तरिक्ष की सैर कराने की योजना 14 साल से फाइलों में अटकी हुई थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 72 वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से यह घोषणा की उन्होंने कहा , ” हमारे देश ने संकल्‍प किया है कि 2022, जब आज़ादी के 75 साल होंगे तब या हो सके तो उससे पहले, आज़ादी के 75 साल मनाएंगे तब, मां भारत की कोई संतान चाहे बेटा हो या बेटी, कोई भी हो सकता है. वे अं‍तरिक्ष में जाएंगे. हाथ में तिरंगा झंडा लेकर के जाएंगे”.

गगनयान भारतीय चालित कक्षीय अंतरिक्ष यान है. अंतरिक्ष यान को तीन लोगों को ले जाने के हिसाब से डिजाइन किया जा रहा है. इसके तहत एक नियोजित अपग्रेड किए गए संस्करण को डॉकिंग क्षमता से लैस किया जाएगा. अपने पहले मानवयुक्त मिशन में गगनयान 3.7 टन के कैप्सूल में 3 लोगों के दल के साथ 7 दिनों के लिए 400 किलोमीटर की ऊंचाई तक पृथ्वी की परिक्रमा करेगा. अंतरिक्ष कैप्सूल में जीवन नियंत्रण और पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली होगी. अंतरिक्ष यान में लिक्विड प्रोपेलेंट युक्त दो इंजन होंगे. इस मिशन पर करीब 9000 करोड़ रुपए की लागत आएगी. बेंगलुरु के इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग कमांड सेंटर से अंतरिक्ष यान की 24 घंटे निगरानी की जाएगी.इस कार्यक्रम में मानव को अंतरिक्ष तक पहुंचाने और धरती पर वापस सुरक्षित लाने से जुड़ी सारी तकनीक शामिल होंगी. इस ड्रीम प्रोजेक्ट की कमान एक महिला के हाथ में होगी. इसरो के इस गगनयान प्रोजेक्ट की अगुवाई वीआर ललिताम्बिका करेंगी. उन्होंने भारत के रॉकेट प्रोग्राम में अहम भूमिका निभाई है. भारत के पहले मानव रहित अंतरिक्ष मिशन की अगुवाई एक महिला के जरिए किया जाना बड़ी उपलब्धि है.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

23 hours ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

1 week ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

1 week ago

इस बार दो दिन मनाएं दीपावली

शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…

1 week ago

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…

1 week ago

मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा

चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…

2 weeks ago