लेपर्डस डेन हिमाचल राज्य के जिला सोलन स्थित राजगढ़ में एक रिसॉर्ट का नाम है. आप सोच रहे होंगे कि आजकल रिसॉर्ट होटलों की कमी तो कहीं भी नहीं है.
लेकिन ये जगह कुछ अलग है. क्योंकि यहां आप घूमने जाएंगे तो पर्यटक की तरह, लेकिन आपकी मेहमाननवाजी एक परिवार के सदस्य की तरह होगी. आप महसूस करेंगे कि किसी रिसॉर्ट में नहीं बल्कि अपने घर में ही रुके हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है स्टाफ का विनम्र व्यवहार. रिसॉर्ट की मालकिन कुसुम मदान और उनकी बेटी लीना मदान के मधुर व्यवहार यात्रा में चार चांद लगा देता है. वह खुद यहां ठहरने वाले लोगों की सभी जरूरतों का ख्याल रखते हैं. शेफ के हाथ का खाना लाजवाब होता है, पर्यटक चाहें तो खाना खुद भी बना सकते हैं. इसके लिए अलग से रूम किचन की सुविधा है.
मेरे अजीज दोस्त उषा नेगी, सुनील बोस, डॉ.अर्जुन, रवि, अजय, प्रशांत, सीमा चौहान, गीतांजली, रिक्की यहां रुक चुके हैं. उषा ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि परिवार दोस्तों के साथ रुकने के लिए बहुत बेहतरीन जगह है. रिसॉर्ट के निर्माण में इस्तेमाल पुरानी चीजों को देखकर हर कोई दंग रह जाता है. आसपास राजगढ़ की फल पट्टी में घूमने का आनंद लेना है तो आड़ू के सीजन में यहां जाना सबसे अच्छा है.
आसपास प्रकृति के सुंदर नजारों को निहारने का अलग ही एहसास होता है. तरह तरह के फूल सभी को अपनी तरफ आरक्षित करते हैं. इस सुंदर कलाकृति के निर्माण के पीछे दो मोहब्बत करने वाले लोगों की कहानी छिपी है. जो मोहब्बत का पैगाम देती है.
लीना मदान ने हमें बताया कि कई साल पहले उनकी मां कुसुम और उनके पति ओम प्रकाश मदान एक साथ इस जगह छुट्टियां मनाने आए थे. बातों-बातों में आंटी ने अंकल से कहा कि क्यों न यहां एक खूबसूरत सा मकान बनाया जाए, जहां कभी-कभी सुकून के पल बिताने आ सकें. उनकी बात सुनते ही ओमप्रकाश मदान ने उनकी हां में हां मिलाई और फिर शुरू हुआ इस रिर्सार्ट का खाका खींचने का काम.
मदान अफ्रीका में पैदा हुए और शिमला के बिशॉप कॉटन स्कूल में पढ़े. फिर फाइन आर्ट्स पढ़ने फ्रांस भी गए. यही कारण है कि रिसॉर्ट की बनावट में भारत और अफ्रीका की मिली जुली झलक देखने को मिलती है.
उनकी बेटी लीना मदान का कहना है कि वह लेपर्डस डेन रिर्सार्ट को अपने पिता की याद में और खूबसूरत बनाने की दिशा में काम कर रही हैं. बताया कि अभी कई और बदलाव और सुविधाओं को ज्यादा बेहतर करने के लिए वह और कुसुम आंटी कुछ नया करने जा रहे हैं. कुल मिलाकर आप कभी परिवार या दोस्तों संग राजगढ़ जाएं तो ठहरने के लिए यह जगह एक बेहतर विकल्प हो सकती है. आप भी देखेंगे और महसूस करेंगे कि अपनी मुहब्बत के नाम अंकल मदान क्या शानदार निशानी लेपर्ड डेन के रूप में छोड़ गए हैं.
मूल रूप से हिमाचल के रहने वाले महावीर चौहान हाल-फिलहाल हल्द्वानी में हिंदुस्तान दैनिक के तेजतर्रार रिपोर्टर के तौर पर जाने जाते हैं.
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