उत्तराखंड के जननायक शमशेर सिंह की पहली पुण्यतिथि पर आज राज्य भर में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इसी कड़ी में शमशेर सिंह बिष्ट के गृहनगर अल्मोड़ा में भी एक शानदार कार्यक्रम आयोजित किया गया.
उत्तराखण्ड के प्रख्यात राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्त्ता शमशेर सिंह बिष्ट की पहली पुण्यतिथि आज अल्मोड़ा में धूमधाम के साथ मनाई गयी. रैमजे इंटर कॉलेज, आयोजित शमशेर स्मृति समारोह में गिरीश तिवारी गिर्दा क्वे गीत ‘हम लड़ते रैया भुला हम लड़ते रौलां’ जनगीत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई
समारोह के प्रथम सत्र में विख्यात अधिवक्ता व सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्त्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि आज के जहरीले पर्यावरण में लोगों का सांस लेना तक दूभर हो गया है. उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग दुनिया के सामने सबसे बड़े संकटों में से एक है. उन्होंने वेतनभोगी कर्मचारियों की सामाजिक भूमिका पर भी सवाल खड़ा किया. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने शिक्षण संस्थानों में ख़त्म होती संवाद की संस्कृति पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने यह भी कहा कि आज के दौर में भी कुछ पत्रकार और छोटे मीडिया संस्थान जनविरोधी नीतियों पर बोल रहे हैं. उन्होंने लोगों तक सही सूचनाएँ पहुँचाने के लिए सोशल मीडिया के और अधिक इस्तेमाल पर भी जोर दिया.
इस समारोह में देश भर के विभिन्न हिस्सों से कई कद्दावार लोगों ने शिरकत की. सांसद प्रदीप टम्टा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविन्द सिंह कुंजवाल, ख्यातिलब्ध इतिहासकार शेखर पाठक, नारायण सिंह जन्तवाल, किशोर उपाध्याय, गोवा से कुमार कतानंद, दिल्ली से ए.के. अरुण, शिक्षाविद चन्दन घुघतियाल, पूर्व विधायक नारायण सिंह जन्तवाल, मनोज तिवारी, पुष्पेश त्रिपाठी, महेश जोशी, उ.प.पा. के अध्यक्ष पी.सी. तिवारी, पूरन सिंह नेगी, वरिष्ठ साहित्यकार कपिलेश भोज, चारू तिवारी, इन्द्रेश मैखुरी, प्रो. देव सिंह पोखरिया, प्रो. दिवा भट्ट, रेखा धस्माना आदि वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये.
समारोह में कपिलेश भोज की पुस्तक जननायक शमशेर सिंह बिष्ट का विमोचन भी किया गया. प्रथम सत्र की समाप्ति के बाद जनगीत गाते हुए शहर भर में जुलूस भी निकाला गया. जिसमें सैंकड़ों लोगों द्वारा भागीदारी की गयी. समारोह का दूसरा सत्र शिखर होटल के सभागार में आयोजित किया गया.
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-काफल ट्री डेस्क
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