कुमाऊँ मंडल के पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय के नजदीक के गाँव सल्मोड़ा की रहने वाली शीतल राज ने एक और रिकार्ड अपने नाम दर्ज कर लिया है. 15 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर शीतल ने माउंट एल्ब्रुस पर भारतीय झंडा फहराया. शीतल और उनके दल में शामिल अन्य तीन सदस्य तरुण, तपन और जिग्मैट ने स्वाधीनता संग्राम की दोपहर यूरोप की सबसे ऊँची चोटी माउन्ट एल्ब्रुस पर तिरंगा फहराया.
(Sheetal Raj Mt Elbrus Summation)
शीतल बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उन्हें एनसीसी कैडेट के रूप में पर्वतारोहण के क्षेत्र में कदम रखने का पहला मौका मिला. साल 2013 में शीतल ने मात्र 16 साल की उम्र में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लेने की शुरुआत की.
शीतल ने 2015 में ‘हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ़ माउंटनियरिंग’ दार्जिलिंग से पर्वतारोहण का अडवांस कोर्स किया. विभिन्न दुर्गम चोटियों पर विजय पाने वाली शीतल 24 साल की उम्र में एवरेस्ट भी फतह कर चुकी हैं. इसके अतिरिक्त शीतल विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंघा (8586 मीटर) को सबसे कम उम्र में फतह करने का भी रिकॉर्ड बना चुकी हैं. शीतल ने जब कंचनजंघा फतह की तब वे मात्र 22 साल की थीं.
(Sheetal Raj Mt Elbrus Summation)
शीतल, 2014 में रुद्रगैरा (5950 मीटर ,) 2015 में देवटिब्बा 6001 मीटर,) 2015 में ही त्रिशूल (7120 मीटर,) 2017 में सतोपंथ (7075 मीटर,) आदि चोटियों को भी फतह कर चुकी हैं.
शीतल ने पिथौरागढ़ की पंचाचूली पर्वत श्रंखलाओं में गहन अभ्यास किया था. उन्होंने लद्दाख में भी पर्वतारोहण का अभ्यास किया. यूरोप की सबसे ऊँची चोटी माउन्ट एल्ब्रुस फ़तेह कर शीतल ने उत्तराखण्ड राज्य को पुनः गौरवान्वित किया है. शीतल चंद्रप्रभा ऐतवाल और लवराज धरमशक्तू को अपना प्रेरणास्रोत बताती रही हैं.
इसी सप्ताह 12 अगस्त के दिन उत्तराखंड एसडीआरफ के कांस्टेबल राजेंद्र नाथ ने भी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा लहराया था. कांस्टेबल राजेंद्र नाथ माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा लहराने वाले राज्य के पहले पुलिसकर्मी हैं.
(Sheetal Raj Mt Elbrus Summation)
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