Featured

सातों-आठों के लिये आज भिगाते हैं बिरुड़े

कुमाऊं में आज से लोकपर्व सातों-आठों की आगाज़ है. कुमाऊं में सबसे उल्लास से बनाये जाने वालों लोक्पर्वों में सातों-आठों एक महत्त्वपूर्ण पर्व माना जाता है. आज इस पर्व की शुरुआत बिरुड़े भिगो कर की जायेगी.
(Birud Panchmi Saton- Athon Festival)

बिरुड़े का अर्थ उन पांच या सात तरह के भीगे हुए अंकुरित अनाज से है जो लोकपर्व के लिये भाद्रपद महीने की पंचमी को भिगोये जाते हैं. इसी कारण स्थानीय भाषा में भाद्रपद महीने की पंचमी बिरुड़ पंचमी कहलाती है.

बिरुड़ पंचमी के दिन एक साफ तांबे के बर्तन में पांच या सात तरह के अनाज को मंदिर के पास भिगोकर रखा जाता है. भिगोये जाने वाले अनाज मक्का, गेहूं, गहत , ग्रूस(गुरुस), चना, मटर और कलों हैं.

तांबे या पीतल के बर्तन को साफ़ कर उसमें धारे अथवा नौले का शुद्ध पानी भरा जाता है. बर्तन के चारों ओर नौ या ग्यारह छोटी-छोटी आकृतियां बनाई जाती हैं ये आकृतियां गोबर से बनती हैं. गोबर से बनी इन आकृति में दूब डोबी जाती है.
(Birud Panchmi Saton- Athon Festival)

फोटो : जगमोहन रौतेला

बर्तन के भीतर अनाज के दाने डालकर इसे मंदिर में रखा जाता है. मंदिर के जिस स्थान पर इसे रखा जाता हैं वहां पर पहले सफाई कर लाल मिट्टी से लिपाई की जाती है और उसके ऊपर बर्तन रखा जाता है. कुमाऊं में कुछ स्थानों में एक पोटली में भी पांच या सात अनाज को फल के साथ बाँध दिया जाता है. इसे भी इसी बर्तन के भीतर भिगोकर रखा जाता है.

सातों के दिन दिन बिरुड़ों से गौरा की और आठों के दिन बिरुड़ों से महेश की पूजा की जाती है. पूजा में प्रयोग किये गये इन बिरुड़ों को आशीष के रूप में सभी को बांटा जाता है. बचे हुए बिरुड़ों को पकाकर प्रसाद के रूप में खाया जाता है.

 उत्तराखंड का समाज कृषि प्रधान समाज रहा है. लोकमान्यताओं के अतिरिक्त यहां के पर्व वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. यहां की लोक मान्यतायें किसी न किसी रूप से वैज्ञानिक चेतना से जुड़ी ही मिलती हैं.
(Birud Panchmi Saton- Athon Festival)

काफल ट्री डेस्क

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

17 hours ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

7 days ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

1 week ago

इस बार दो दिन मनाएं दीपावली

शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…

1 week ago

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…

1 week ago

मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा

चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…

2 weeks ago