समाज

पिथौरागढ़ के सतगढ़ और सुरुण गांव की हिलजात्रा

मेले और त्यौहार लोक-परम्पराओं को जीवित रखने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान रखते हैं. इन दिनों पूरे पहाड़ में सातों-आठों का पर्व मनाया जा रहा है.

सातों-आठों या सातूं-आठूं लोकपर्व का ही हिस्सा है हिलजात्रा. हिलजात्रा एक कृषि से जुड़ा हुआ पर्व है. रोमांच और मनोरंजन से जुड़ा यह उत्सव इन दिनों पिथौरागढ़ के अलग-अलग गावों में आयोजित किया जा रहा है.

सोरघाटी के कुमौड़ और बजेटी गांवों में हिलजात्रा को एक विशेष उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इनके अलावा भुरमुनी, बलकोट, मेल्टा, खतीगांव, बोकटा, पुरान, हिमतड़, चमाली, जजुराली, गनगड़ा, बास्ते, भैंस्यूड़ी, सिल चमू, अगन्या, उड़ई, लोहाकोट, सेरा, पाली, डुंगरी, अलगड़ा, रसैपाटा, सुरौली, सतगड़, सुरुण, देवलथल, सिनखोला, कनालीछीना में मनाया जाता है. हर जगह पर हिलजात्रा मंचन में अंतर पाया जाता है और इन सभी का इतिहास भी अलग-अलग बताया जाता है.

बैलों की जोडियाँ, छोटा बल्द,  बड़ा बल्द, गल्यो बल्द,  हिरन-चीतल, हुक्का-चिलम पीते हुए मछुवारे, ढोल नगाडे,  हुडका, मजीरा, खड़ताल आदि के संगीत के साथ नृत्य करती नृत्यांगानाएं, कमर में खुकुरी और हाथ में दंड लिए रंग-बिरंगे वेश में आदमी, धान की रोपाई का स्वांग करती महिलायें ये सब मिल कर एक बहुत ही आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करते हैं. 

इस वर्ष कुमौड़ गांव में हिलजात्रा का आयोजन 28 अगस्त को किया जाना है, यदि आप पिथौरागढ़ जिले के आस-पास हों तो इस उत्सव का हिस्सा जरुर बनें. फिलहाल सतगढ़ और सुरुण गांव की हिलजात्रा की तस्वीरें देखिये : ( सभी तस्वीरें Dhwaj Mandir, Pithoragarh फेसबुक पेज से ली गई हैं )

सतगढ़ की हिलजात्रा

फोटो : Dhwaj Mandir, Pithoragarh
फोटो : Dhwaj Mandir, Pithoragarh
फोटो : Dhwaj Mandir, Pithoragarh
फोटो : Dhwaj Mandir, Pithoragarh

सुरुण गांव की हिलजात्रा

फोटो : Dhwaj Mandir, Pithoragarh
फोटो : Dhwaj Mandir, Pithoragarh
फोटो : Dhwaj Mandir, Pithoragarh
फोटो : Dhwaj Mandir, Pithoragarh

सुरुण गांव की हिलजात्रा का वीडियो देखिये :

-काफल ट्री डेस्क

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

पहाड़ से निकलकर बास्केटबॉल में देश का नाम रोशन करने कैप्टन हरि दत्त कापड़ी का निधन

हरि दत्त कापड़ी का जन्म पिथौरागढ़ के मुवानी कस्बे के पास चिड़ियाखान (भंडारी गांव) में…

6 days ago

डी एस बी के अतीत में ‘मैं’

तेरा इश्क मैं  कैसे छोड़ दूँ? मेरे उम्र भर की तलाश है... ठाकुर देव सिंह…

1 week ago

शराब की बहस ने कौसानी को दो ध्रुवों में तब्दील किया

प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत की जन्म स्थली कौसानी,आजादी आंदोलन का गवाह रहा कौसानी,…

2 weeks ago

अब मानव निर्मित आपदाएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं : प्रोफ़ेसर शेखर पाठक

मशहूर पर्यावरणविद और इतिहासकार प्रोफ़ेसर शेखर पाठक की यह टिप्पणी डाउन टू अर्थ पत्रिका के…

2 weeks ago

शराब से मोहब्बत, शराबी से घृणा?

इन दिनों उत्तराखंड के मिनी स्विट्जरलैंड कौसानी की शांत वादियां शराब की सरकारी दुकान खोलने…

2 weeks ago

वीर गढ़ू सुम्याल और सती सरू कुमैण की गाथा

कहानी शुरू होती है बहुत पुराने जमाने से, जब रुद्र राउत मल्ली खिमसारी का थोकदार…

2 weeks ago