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दारमा और व्यांस घाटियों को जोड़ने वाले सिन ला पास की साहसिक यात्रा

खूबसूरत रास्ते, ऊंचे हिमालय, नदियाँ और अपनी अलग सी संस्कृति समेटे हुए कई गांव – सिनला पास ट्रेक अपने आप में एक बेहतरीन ट्रेक है. यह ट्रेक किसी भी टूरिस्ट को निराश नही करेगा. इस ट्रेक में कुल 08 मेम्बर्स थे  जिनमें कुछ अनुभवी व कुछ नए ट्रेकर थे. 14 अगस्त 2019 से शुरू हुआ हमारा यह ट्रेक नजंग, बूदी, गर्ब्यांग, गुंजी और कुटी  होते हुए कब जोलिंग्कोंग पहुंचा, पता ही नहीं चला. (Sin La Pass Trek Photos)

व्यांस वैली के ये गांव बहुत ही खूबसूरत है और हर गांव में रहने की बहुत अच्छी व्यवस्था है या यूं कहें सारे गांव बहुत ही आरामदायक होम स्टे में बदल गए है, साथ ही कुमाऊं मंडल विकास निगम के हट्स भी हर पड़ाव में उपलब्ध हैं. (Sin La Pass Trek Photos)

जोलिंग्कोंग पहुँचते-पहुँचते मौसम काफी ख़राब हो गया. एक बार लगा कि शायद इस बार सिनला पास नही हो पायेगा क्योंकि सिनला पास से काफी नीचे की पहाड़ियों तक बर्फ दिखने लगी थी. सारे ट्रेकर्स काफी निराश थे, परन्तु दूसरे दिन देखा कि मौसम कुछ खुलने लगा है तो सबने एक दिन और वेट करने का मन बना लिया और दोपहर होते-होते मौसम साफ हो गया. हमने प्लानिंग की कि सुबह से 03 बजे हम सिनला के लिए चलेंगे .

सुबह के 03 बजे तक सब तैयार हो गये. KMVN के स्टाफ ने तब तक हमारे लिए पैक लंच तैयार कर दिए. पैक लंच के साथ हमने चढ़ाई शुरू कर दी. शुरूआत में यह काफी आरामदायक थी पर जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ने लगी मुश्किल होने लगी. सिनला पास आते-आते सभी लोग थक चुके थे और बर्फ भी 03 फीट से ज्यादा थी जिससे  चलने में काफी दिक्कत हो रही थी. जैसे ही सिनला पास की आखिरी चढ़ाई आई सबकी जान में जान आई. फिर हम कुछ देर बाद सिनला पास में थे लगभग 5495 मीटर पर.

यह वो पास है जो व्यांस वैली और दारमा वैली को आपस में जोड़ता है. यहां से दोनों घाटियों का व्यू बहुत ही अद्भुत है. यहाँ पर खड़े होकर हमारी सारी थकान दूर हो गयी. लंच में दिए गये आलू के गुटके और रोटियां इस जगह पर जीवन रक्षा का काम कर रहे थे. लंच के बाद हमने नीचे उतरना शुरू किया जो काफी मुश्किल व डरावना था. नीचे उतरने में किसी भी गलती की गुंजाइश नहीं थी. एक गलती हमें सीधे सैकड़ों मीटर नीचे पहुंचा देती. ऊपर से रास्ते में बर्फ. बड़ी मुश्किलों से रास्ता पार करने के बाद बेदांग पहुंचे. और सीधे दांतू गांव की तरफ बढ़ गए.

जोलिंग्कोंग से दांतू गांव की दूरी 26 किलोमीटर की है जिसको ग्रुप ने एक दिन में ही पूरा कर लिया.

सिनला पास ट्रेक उन बेहतरीन ट्रेकों में से है जो हर तरह के ट्रेकरों के लिए बना है. KMVN के हट्स , होम स्टे की सुविधा और जोलिंग्कोंग से बेदांग तक बने रास्तो में लगे इंडिकेटर जो रात को ट्रेक करते समय चमक उठते हैं, आदि कैलाश, पार्वती सरोवर, धान की खेती और स्थानीय लोगो की हॉस्पिटैलिटी इस ट्रैकिंग रूट को  अभी तक मेरे द्वारा किये गये ट्रेकों में सबसे बेहतरीन बनाते हैं.

टीम मेम्बर्स – सुरेन्द्र सिंह पंवार, चन्द्र मोहन पाण्डे, बीरेंद्र सिंह दरियाल, जगदीश भट्ट, सुरेश पाण्डे, आनंद जंग, नीरज तिवारी और राकेश पाण्डे.     

आदि कैलाश
बेदांग
सिन ला से नीचे
नज्यंग
सिन ला से नीचे
सिन ला
सिन ला की चढ़ाई
गौरी कुंद
गर्ब्यांग की तरफ
लेखक सुरेन्द्र पंवार
रास्ते में श्रमिकों का तम्बू
कुटी गांव
नाबी गांव
जोलिंगकोंग में धान के खेत
पार्वती सरोवर
सिन ला की चढ़ाई
सिन ला की चढ़ाई
आदि कैलाश की तरफ
गर्ब्यांग की तरफ
दांतू गांव

 बर्डवॉचिंग, फोटोग्राफी और ट्रेकिंग में गहरी दिलचस्पी रखने वाले सुरेन्द्र पवार मुनस्यारी में रहते हैं. हम शीघ्र ही उनके अनेक फोटो यहाँ प्रकाशित करेंगे और उनका विस्तृत परिचय भी आपको देंगे.

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