अब तो जैसे संगज्यु और मित्ज्यु जैसे शब्द पहाड़ियों के बीच से गायब ही हो गये हैं. कुमाऊनियों के बीच प्रचलित दोस्ती की यह अनूठी परम्परा अब महज किस्सों का हिस्सा रह गयी है. पिछले दशक तक तो गाँवों में संगज्यु और मित्ज्यु शब्द काफ़ी सुनने को मिलता था. संगज्यु का अर्थ हुआ, दो महिलाओं के बीच की अभिन्न मित्रता और मित्ज्यु का मतलब हुआ, दो पुरुषों की अभिन्न मित्रता. एक समय यह मित्रता इतनी प्रगाढ़ होती थी कि इसे पारिवारिक रिश्तों से भी बढ़कर माना जाता था.
(Sangjyu Mitjyu Kumaouni Friendship Uttarakhand)
संगज्यु और मित्ज्यु की परम्परा पीढ़ी दर पीढ़ी चला करती थी. पुराने समय में बचपन की दोस्ती या जवानी की दोस्ती, निभाई पूरे जतन से थी. पहले लोगों को लम्बे पैदल मार्गों पर चलना होता था ऐसे में कई मौके ऐसे आते थे जब किसी व्यक्ति को आधे रास्ते में रुकना पड़ता. जब कोई परिवार ऐसे किसी व्यक्ति की मदद करता तो कई मौकों पर वहीं से संगज्यु या मित्ज्यु का रिश्ता शुरु हो जाता.
संगज्यु और मित्ज्यु के रिश्ते से कई नये रिश्ते जन्म लेते जैसे कई बार महिलायें, पुरुष को अपना भाई बना लेती जिसके बाद पुरुष हर साल महिला को भिटौली देने आता था. परिवार एक दूसरे के हर सुख-दुःख में पीठ से पीठ मिलाकर खड़े रहते. परिवार में कोई भी कामकाज हो एक-दूसरे को जरुर बुलाते.
संगज्यु और मित्ज्यु की इस परम्परा की एक खास विशेषता यह थी कि यह अपनी जाति से बाहर भी की जाती थी. यदि किसी गांव के एक व्यक्ति की मीत किसी दूसरे गांव के व्यक्ति से है तो उसका सम्मान पूरे परिवार, समाज और गांव द्वारा किया जाता था. जब एक-दूसरे के घर जाते तो बहुत से उपहार लेकर जाते. उपहार में खाने की चीजों से लेकर पहनने के कपड़े तक शामिल रहते.
(Sangjyu Mitjyu Kumaouni Friendship Uttarakhand)
संगज्यु और मित्ज्यु का यह रिश्ता समाज में बड़े सम्मान से देखा जाता. बड़े सारे लोग संगज्यु और मित्ज्यु के रिश्ते को अपने खून के रिश्ते से भी ज्यादा तव्वजो दिया करते. पहाड़ में ऐसे अनेक मौके आये जब संगज्यु और मित्ज्यु के रिश्तों को मिसालें गढ़ी गयी. पहाड़ों में आज भी गांवों के भीतर कई ऐसे परिवार मिल जायेंगे जिन्हें इसी संगज्युऔर मित्ज्यु के रिश्ते के तहत लोगों ने अपने गांव में बसाया भी है.
कुमाऊं में संगज्यु और मित्ज्यु एक बेहद सम्मान का रिश्ता होता है. संगज्यु और मित्ज्यु के रिश्ते में एक-दूसरे को तुम या तम का संबोधन दिखलाता है कि इस रिश्ते में कितना सम्मान है. हैप्पी फ्रेंडशिप डे वाली आज की पीढ़ी इस रिश्ते को कितना समझती होगी कह पाना मुश्किल है.
(Sangjyu Mitjyu Kumaouni Friendship Uttarakhand)
-काफल ट्री डेस्क
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