समाज

गुलाबी धूप में सना हुआ नींबू खाने का आनन्द एक पहाड़ी ही बता सकता है

सर्दियों में दुनिया भर में अलग अलग जगह के लोगों के अलग-अलग शगल हुये हैं. गुनगुनी धूप सेकना इनमें सबसे लोकप्रिय और आम हुआ. उत्तराखंड जैसे ठंडे प्रदेशों में धूप सेकना अपने आप में एक काम है और इस धूप में सने हुये नींबू का सेवन उनका एक गुण हुआ.
(Sana Hua Neebu)

उत्तराखंड में होने वाला पहाड़ी नीबू काफ़ी बड़ा होता है. बड़ा मतलब, बम्बया आम जितना बड़ा. इसे स्थानीय भाषा में कहा जाता है चूक. सर्दियों में पहाड़ आकर आपने गुनगुनी धूप में बैठकर सिलबट्टे में पीसे भांग के नमक, माल्टा, चूक और चीनी मिले इस दिव्य मिश्रण के चटखारे नहीं लिये तो समझिये आपकी यात्रा अधूरी है.

पहाड़ के अलग अलग हिस्सों में सने हुए चूक को और स्वादिष्ट बनाने के कई उपाय देखे गये हैं. चीनी की जगह गुड़, कभी इसमें दही, तो कभी पहाड़ी मीठी नर्म मूली से लोग इसका स्वाद बदलते रहते हैं. माल्टे की जगह कई लोग संतरों का कभी इस्तेमाल करते हैं.
(Sana Hua Neebu)

इस सबके बावजूद आज भी दरदरे भांग के नमक और आधी से ज्यादा घुली हुई चीनी के मिश्रण में लिपटे माल्टे की एक फांक के बने दो टुकड़ों और चूक की एक फांक के चार टुकड़ों के साथ कटी लम्बी पतली मीठी मूली का स्वाद अद्वितीय माना जाता है.    

पहाड़ में पला बड़ा कोई भी ऐसा इंसान न होगा जिसको चूक सानने वाले बर्तन में खाने का लालच न आया हो. यूं तो वैसे एक राज की बात यह है भी है की शायद ही कोई पहाड़ी बहनें हुई होंगी जिनके बीच सिलबट्टे में नमक पीसने को लेकर कहा सुनी न हुई होगी.

पढ़ने और सुनने में ऊपर लिखी सभी बातें अतिशयोक्ति लगती हों लेकिन असल बात यह है कि गुलाबी धूप में सना हुआ नींबू खाने का आनन्द क्या होता है आपको एक पहाड़ी ही बता सकता है.
(Sana Hua Neebu)

-काफल ट्री डेस्क

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

14 hours ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

7 days ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

1 week ago

इस बार दो दिन मनाएं दीपावली

शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…

1 week ago

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…

1 week ago

मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा

चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…

2 weeks ago