Featured

मुनस्यारी के लोगों ने बैंककर्मी को रिटायरमेंट वाले दिन घोड़े पर बैठा पहुंचाया घर

घोड़े में बैठे आदमी की हजारों तस्वीरें आपने देखी होंगी. कोई घोड़े पर शौक से बैठता है तो कोई दुल्हनिया लाने को भी घोड़े पर बैठता है. पहले ज़माने में घोड़े पर बैठने का एक कारण और होता था. लोग किसी को सम्मान देने के लिये भी घोड़े पर बैठाते. Retired Bank Employ in Munsyari

आज के ज़माने में अटपटी सी सुनाई देने वाली इस बात में अगर यह जोड़ दिया जाय कि एक सरकारी बैंक के कर्मचारी को उसके रिटायरमेंट वाले दिन स्थानीय लोगों ने घोड़े पर उसके घर छोड़ा तो बात और अटपटी हो जाती है.

पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी स्थित स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया में कैशियर के पद पर तैनात कुंवर सिंह गडबगी का पिछले शनिवार का दिन बैंक में आख़िरी दिन था. कुंवर सिंह पिछले 25 सालों से इस बैंक में कार्यरत थे.

आम तौर पर यह होता है कि ऑफिस स्टाफ ही एक छोटी सी सभा जैसी कर अपने कर्मचारियों को विदा करता है. लेकिन कुंवर सिंह के लिये मुनस्यारी के लोगों का लगाव था कि बैंक में उनके आख़िरी दिन बैंक के गेट पर एक घोड़ा खड़ा था और साथ में छलिया गाजे-बाजे के साथ खड़े थे.

जैसे ही कुंवर सिंह गडबगी बैंक से बाहर निकले लोगों ने उन्हें माला पहनाई और घोड़े पर बैठा कर गाजे-बाजे के साथ उनके साथ उनके घर के रास्ते पर चल पड़े. दैनिक जागरण में छपी ख़बर के अनुसार कुंवर सिंह गडबगी ने इस प्यार के लिये सभी को आभार जताया और कहा कि सेवा और ईमानदारी समाज में आज भी कद्र होती है. Retired Bank Employ in Munsyari

पहाड़ के लोगों का सरल और सीधा व्यवहार ही उन्हें एक दूसरे के और करीब लाता है. नहीं तो कौन सा ऐसा समाज होता है जो एक सरकारी पद से रिटायर आदमी का भी ऐसा भव्य स्वागत करता है.

दैनिक जागरण में छपी ख़बर के आधार पर.

-काफल ट्री डेस्क

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

उत्तराखण्ड : धधकते जंगल, सुलगते सवाल

-अशोक पाण्डे पहाड़ों में आग धधकी हुई है. अकेले कुमाऊँ में पांच सौ से अधिक…

8 hours ago

अब्बू खाँ की बकरी : डॉ. जाकिर हुसैन

हिमालय पहाड़ पर अल्मोड़ा नाम की एक बस्ती है. उसमें एक बड़े मियाँ रहते थे.…

10 hours ago

नीचे के कपड़े : अमृता प्रीतम

जिसके मन की पीड़ा को लेकर मैंने कहानी लिखी थी ‘नीचे के कपड़े’ उसका नाम…

11 hours ago

रबिंद्रनाथ टैगोर की कहानी: तोता

एक था तोता. वह बड़ा मूर्ख था. गाता तो था, पर शास्त्र नहीं पढ़ता था.…

1 day ago

यम और नचिकेता की कथा

https://www.youtube.com/embed/sGts_iy4Pqk Mindfit GROWTH ये कहानी है कठोपनिषद की ! इसके अनुसार ऋषि वाज्श्र्वा, जो कि…

2 days ago

अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण

-कमल कुमार जोशी समुद्र-सतह से 12,073 फुट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ को संसार में…

2 days ago