टीचर्स की कमी से नाराज़ अभिवावकों ने जीआईसी बघर में की तालाबंदी

212 की छात्रसंख्या वाले जीआईसी बघर में महज 5 एलटी के अध्यापक कार्यरत हैं। स्कूल का नाम ‘इंटरमीडिएट कॉलेज’ है और इंटरमीडिएट में विज्ञान वर्ग के विषयों के साथ ही कला वर्ग के भी विषय हैं, लेकिन 9 प्रवक्ताओं में से एक भी प्रवक्ता की नियुक्ति नहीं हुई है। वहीं एलटी के भी 7 पद खाली हैं।

बागेश्वर : ज़िले के जीआईसी बघर के अभिवावक संघ ने स्कूल में शिक्षकों की कमी के चलते अनिश्चितकालीन तालाबंदी कर दी है। अभिवावकों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाया कि कई बार शिकायत करने पर भी उनकी मांगों को नज़रअंदाज़ किया गया है। संघ के अधिकारियों ने कहा कि विधायक और ज़िलाधिकारी द्वारा उन्हें आश्वासन तो दिया गया पर उनकी मांगें नहीं मानी गई।

212 की छात्रसंख्या वाले जीआईसी बघर में महज 5 एलटी के अध्यापक कार्यरत हैं। स्कूल का नाम ‘इंटरमीडिएट कॉलेज’ है और इंटरमीडिएट में विज्ञान वर्ग के विषयों के साथ ही कला वर्ग के भी विषय हैं, लेकिन 9 प्रवक्ताओं में से एक भी प्रवक्ता की नियुक्ति नहीं हुई है। वहीं एलटी के भी 7 पद खाली हैं।

शिक्षक-अभिवावक संघ के अध्यक्ष नंदन सिंह रावत ने कहा, ”हम टीचर्स की नियुक्ति की मांग को लेकर 6 अगस्त को ज़िला अधिकारी से मिले थे। हमने उन्हें ज्ञापन दिया था कि अगर बहाली नहीं होगी तो हम स्कूलों में तालाबंदी कर देंगे। ज़िलाधिकारी ने हमें आश्वासन दिया था कि स्कूल में टीचर्स की नियुक्ति ​की जाएगी लेकिन नहीं की गई। इसलिए हमने तालाबंदी का फैसला लिया है।”

स्कूल में इंटरमीडिएट के एक छात्र के अभिवावक, बलवंत सिंह का कहना था, ”बिना अध्यापकों के हमारे बच्चों का भविष्य कैसे बनेगा? सरकार और प्रशासन हमारे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। हमने इन्हीं अनियमिततओं के खिलाफ़ यह अनिश्चितकालीन ताला​बंदी की है और यह तब तक जारी रहेगी जब तक पूरे रिक्त स्टाफ की नियुक्ति नहीं हो जाती।”

इस बीच स्कूल के प्रिंसिपल इंचार्ज, दिग्विजय कुमार का कहना था, हमने मुख्य शिक्षाधिकारी को पत्र लिख कर अभिवावक संघ की ओर से की गई इस तालाबंदी की सूचना दे दी है। उन्होंने कहा, ”हम अग्रिम कार्रवाई के लिए आदेश का ​इंतज़ार ​कर रहे हैं।”

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

2 weeks ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

2 weeks ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

2 weeks ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

3 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

3 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

4 weeks ago