कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में आज भी मेले पूरी रवायत के साथ मनाये जाते हैं. पर्वतीय जिलों के मुख्यालय के आस-पास होने वाले इन मेलों का स्वरूप आज भले ही बदला हुआ लगता है लेकिन इन मेलों में आज ठेठ पहाड़ी महक देखी जा सकती है. मसलन आज भी इन मेलों में जलेबी आदि की दुकानें, बच्चों के खिलौने या दैनिक उपभोग के सामान की दुकानें उन्हीं पुराने अंदाजों में मौजूद हैं.
(Photos Mostamanu Mela Pithoragarh Uttarakhand)
मुख्यालयों के आस-पास होने वाले इन मेलों में भले अब रंगीन टेंट व मंच की चकाचक और माइक की चिलपों भले ही बड़ी हुई नजर आती है पर मेलों का मूल स्वरूप लगभग वही है. एक ख़ास बात जो सभी मेलों में सामान्य रूप से देखी जाती है वह यह कि सभी मेलों में आज भी अपने आराध्यों का पूजन पूर्ण परम्परागत तरीकों से ही होता है.
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 10 किमी की दूरी पर स्थित चंडाक में होने वाले मोस्टामानू मेले की कुछ तस्वीरें देखिये. तस्वीरें वर्ष 2022 के मेले की हैं. सभी तस्वीरें पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले विवेक पन्त ने ली हैं-
(Photos Mostamanu Mela Pithoragarh Uttarakhand)
पिथौरागढ़ के रहने वाले विवेक पन्त पेशे से फिल्ममेकर हैं. पिछले कुछ वर्षों में कई सारी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के साथ काम कर चुके विवेक घुमक्कड़ी और संगीत का भी शौक रखते हैं. विवेक का काम उनकी फेसबुक प्रोफाईल में जाकर देखा जा सकता है- विवेक पन्त
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