एनटीआर यानी नंदमूरि तारक रामाराव यानी अन्ना गारू का भारतीय राजनीति में जिस समय उदय हुआ वे तकरीबन 60 साल के हो चुके थे. उन्होंने साल 1982 में तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी की स्थापना की थी. इसके बाद 1983 से 1995 के बीच वे तीन बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. राजनैतिक गठजोड़ करने के खलीफा माने जाने वाले एनटीआर ने 1989 से 1990 के दौरान सत्ता में रही नेशनल फ्रंट की केंद्र सरकार के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ( N T Ramarao Birthday)
28 मई 1923 को जन्मे एनटी रामाराव राजनीति में आने से पहले तेलुगू फिल्मों जाने माने अभिनेता, निर्माता-निर्देशक रह चुके थे. भारतीय सिनेमा में उन्हें एक शानदार अभिनेता के तौर पर अक्सर याद किया जाएगा. फिल्मों में काम करते हुए उन्होंने अनेक राष्ट्रीय पुरुस्कार हासिल किये जिनमें नेशनल फिल्म अवार्ड्स और राष्ट्रपति पुरुस्कार शामिल हैं. ( N T Ramarao Birthday)
अभिनेता के तौर पर उन्होंने अपना फ़िल्मी डेब्यू एल. वी. प्रसाद द्वारा बनाई गयी तेलुगू सामाजिक फिल्म ‘मन देसम’ से किया था. 1950 के दशक में नंदमूरि तारक रामाराव ने धार्मिक फिल्मों में अभिनय करना शुरू किया और इससे वे लोकप्रियता के शिखर पर पहुँच गए. उनके द्वारा राम उअर कृष्ण की भूमिकाएं निभाई गईं जिन्हें दर्शकों ने हाथों हाथ लिया. वे जनता के बीच किसी मसीहा जैसे पॉपुलर हो गए थे.
बाद की फिल्मों में उन्होंने सामाजिक विद्रोही के रोबिनहुड सरीखे अनेक रोल किये और उनकी प्रसिद्धि का ग्राफ चढ़ता गया. उन्होंने कुल मिलाकर 300 के आसपास फिल्मों में काम किया और वे तेलुगू सिनेमा के सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ के रूप में स्थापित हुए. भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष यानी 2013 में सीएनएन-आईबीएन द्वारा करवाए गए एक राष्ट्रीय पोल में उन्हें “भारत का सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ अभिनेता” चुना गया.
बम्बई में 24 जनवरी 1952 को हुए भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में उनके द्वारा अभिनीत फिल्म ‘पाताल भैरवी’ का प्रदर्शन हुआ. उनकी फिल्म ‘मल्लीश्वरी’ का प्रीमियर एशिया पसिफिक फिल्म फेस्टिवल में हुआ तो ‘माया बाजार’ और ‘नर्तनशाला’ को जकार्ता के एफ्रो-एशियन फिल्म फेस्टिवल में जगह मिली. सीएनएन-आईबीएन द्वारा जारी भारत की सर्वश्रेष्ठ सौ फिल्मों की सूची में इन चारों फिल्मों को जगह दी गयी थी.
मैथड एक्टिंग स्कूल के अनुयायी एनटीआर को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 1968 में पद्मश्री की उपाधि से नवाजा.
राजनीति में आने के बाद उन्हें देशव्यापी ख्याति मिली और उन्होंने जीवन के अंतिम समय तक देश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. गेरुवा वस्त्र धारण करने वाले इस आकर्षक व्यतित्व के धनी अभिनेता-नेता ने 18 जनवरी 1996 को अंतिम साँसें लीं.
आज उनकी जन्मतिथि है और वे आज ही के दिन वर्ष 1923 में जन्मे थे.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…
इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …
तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…