नगर निकाय चुनावों के लिए भाजपा और कांग्रेस द्वारा अपने प्रत्याशियों की घोषणा करने की साथ ही उत्तराखण्ड का राजनीतिक तापमान तेजी से बढ़ने लगा है. भाजपा, कांग्रेस के अलावा उत्तराखण्ड लोक वाहिनी, उत्तराखण्ड क्रांति दल और आप ने भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा शुरू कर दी है.
भाजपा, कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने के साथ ही पार्टियों के भीतर से असंतोष के स्वर भी मुखर होने लगे हैं. राज्य का शायद ही कोई चुनाव ऐसा हो जिसमें इन दोनों बड़े राजनीतिक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर असंतोष और बगावत के तेवर न दिखाई देते हों. निकाय चुनावों के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही एक बार फिर असंतोष और बगावत के झंडे उठाये जा चुके हैं.
सत्ता-विपक्ष दोनों के लिए असंतुष्टों, बागियों और भीतरघातियों से पार पाने की चुनौतियाँ सामने हैं. शायद ही कोई सीट हो जहां दोनों प्रमुख दल इन स्थितियों का सामना न कर रहे हों. पार्टियों से नाराज होकर दल बदलने, निर्दलीय के तौर पर नामांकन करवाने तथा सामूहिक इस्तीफे की घोषणा करने की जोरदार शुरुआत हो चुकी है. कई स्थानीय नेताओं कार्यकर्ताओं ने पार्टी के भीतर रहकर अपने ही उम्मीदवार को हारने के लिए चक्रव्यूह रचना भी शुरू कर दी है.
निकाय चुनावों की कई सीटों में पक्ष-विपक्ष के कई दिग्गज राजनेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है. ऐसे में असंतुष्टों ने पार्टियों और आला नेताओं के माथे पर शिकन ला दी है. शीर्ष राजनेता अब मान मुनौव्वल की कवायद में जुटे हुए हैं. यह तय है कि विधानसभा चुनावों की तरह ही असंतुष्ट और बागी निकाय चुनावों के नतीजों को निर्णायक तौर पर प्रभावित कर सकते हैं. पक्ष-विपक्ष के लिए असंतुष्टों को नाथना इस वक़्त कि बड़ी चुनौती है. दोनों दलों का नेतृत्व रायता समेटने में जुटा हुआ है.
निकाय चुनाव का कार्यक्रम
नामांकन:- 20, 22 व 23 अक्तूबर 2018 (सुबह 10 से 5 बजे तक)
नामांकन पत्रों की जांच:- 25 व 26 अक्तूबर 2018
नामांकन पत्रों की वापसी:- 27 अक्तूबर 2018
निर्वाचन प्रतीक आवंटन:-29 अक्तूबर 2018
मतदान:-18 नवंबर 2018 (सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक)
मतगणना:-20 नवंबर 2018
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