Featured

बर्फबारी के बाद सूरज की पहली रौशनी में नैनीताल: अमित साह के कैमरे से जादू

एक शांत मौसम के समय आसमान से सफ़ेद रुई के फाहे गिरते देखना हर किसी की नसीब में नहीं. प्रकृति के इस सबसे खुबसुरत मौके को देख पाना सोशियल मीडिया ने आसान तो कर दिया है पर इसे महसूस करने के लिये मौके पर मौजूद रहना एकमात्र शर्त है. कुमाऊं और गढ़वाल समेत पूरे हिमालय में बीते दिनों यह मौका आया जब प्रकृति ने यहां मौजूद लोगों को सबकुछ भुला देने वाले वाले खुबसुरत दिन दिये.
(Morning After Snowfall Nainital 2022)

सबकुछ सफ़ेद कर देने वाली एक भारी बर्फबारी के बाद सूरज उसमें रंग भरने का काम करता है. बर्फबारी के बाद सूरज की पहली रौशनी रंगों की मोहब्बत लुटाते हुये ऐसे रंग भरती है मानो कोई चित्रकार अपने किसी सबसे प्रिय के लिये कैनवास पर रंग बिखेर रहा हो. बर्फबारी के बाद सूरज की पहली रौशनी में नैनीताल के इस यादगार मौके को तस्वीरों में कैद करने का काम किया है लोकप्रिय फोटोग्राफर अमित साह ने.

काफल ट्री के पाठक अमित साह के विश्व स्तरीय काम से परिचित हैं. उनके काम की अनेक शानदार बानगियाँ आपको समय-समय पर दिखाते रहे हैं. अपने काम से अमित साह ने अपने लिए एक बहुत बड़ा प्रशंसक वर्ग तैयार कर लिया है. अमित साह के काम को उनके यूट्यूब चैनल में यहां देखा जा सकता है: अमित साह का यूट्यूब चैनल.

फ़िलहाल देखिये अमित साह के कैमरे से बर्फबारी के बाद सूरज की पहली रौशनी में नैनीताल:
(Morning After Snowfall Nainital 2022)

फोटो: अमित साह

वीडियो में नैनीताल की सुबह देखिये:

फोटोग्राफर अमित साह ने बीते कुछ वर्षों में अपने लिए एक अलग जगह बनाई है. नैनीताल के ही सीआरएसटी इंटर कॉलेज और उसके बाद डीएसबी कैंपस से अपनी पढ़ाई पूरी करते हुए अमित ने बी. कॉम. और एम.ए. की डिग्रियां हासिल कीं. फोटोग्राफी करते हुए उन्हें अभी कोई पांच साल ही बीते हैं.


हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा

दिन गुजरा रातें बीतीं और दीर्घ समय अंतराल के बाद कागज काला कर मन को…

3 weeks ago

हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़

हरे-घने हिमालयी जंगलों में, कई लोगों की नजरों से दूर, एक छोटी लेकिन वृक्ष  की…

3 weeks ago

भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़

उत्तराखण्ड में जमीनों के अंधाधुंध खरीद फरोख्त पर लगाम लगाने और यहॉ के मूल निवासियों…

4 weeks ago

यायावर की यादें : लेखक की अपनी यादों के भावनापूर्ण सिलसिले

देवेन्द्र मेवाड़ी साहित्य की दुनिया में मेरा पहला प्यार था. दुर्भाग्य से हममें से कोई…

4 weeks ago

कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता

किताब की पैकिंग खुली तो आकर्षक सा मुखपन्ना था, नीले से पहाड़ पर सफेदी के…

1 month ago

खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार

गढ़वाल का प्रवेश द्वार और वर्तमान कोटद्वार-भाबर क्षेत्र 1900 के आसपास खाम स्टेट में आता…

1 month ago