साल 2018 में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें किसी पहाड़ी गवेर्मेंट गर्ल्स इंटर कालेज की लड़कियां स्कूल की सभा में एक प्रार्थना गा रही थी. कुमाऊनी बोल वाला यह गीत कुमाऊनी में सरस्वती वंदना थी जिसे गर्ल्स इंटर कालेज बेरीनाग के प्रांगण में गाया जा रहा था. गीत के बिल थे – दैंण ह्वै जाए माँ सरस्वती.
(Kumaoni Prayer)
दैनिक जागरण में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार इस गीत को पहली बार लोकगायक पप्पू कार्की को श्रद्धांजलि देने के लिये प्रार्थना सभा में गाया गया था लेकिन इसे बच्चों और शिक्षकों ने इस कदर पंसद किया गया कि बाद में इसे प्रार्थना सभा का हिस्सा बना दिया गया. लगभग तीन मिनट की इस प्रार्थना को सुनने के लिए विद्यालय के आसपास रहने वाले लोग सुबह विद्यालय के निकट जमा हो जाते. स्थानीय लोगों के साथ बच्चों ने भी इसे खूब अपनेपन से गाया.
2018 में गर्ल्स इंटर कालेज बेरीनाग की छात्राओं द्वारा लोकगायक पप्पू कार्की के गीत ‘सुन ले दगड़िया या बात सुणी जा’ की धुन पर गाई गयी यह सरस्वती वंदना लोगों द्वारा खूब पंसद की गयी. वायरल वीडियो के इस दौर में इस सुंदर वंदना के रचनाकार का नाम कहीं गुम गया या यूं कहें की इस रचना के रचनाकार का नाम किसी को भी नहीं पता चला.
(Kumaoni Prayer)
2018 में वायरल इस वंदना के रचनाकार सत्यम जोशी हैं. पिथौरागढ़ के रहने वाले सत्यम जोशी शिक्षक हैं. उनके द्वारा ही कुमाऊनी में सरस्वती वंदना लिखी गयी थी. कुमाऊनी में सरस्वती वंदना के बोल कुछ इस तरह हैं-
दैंण ह्वै जाए माँ सरस्वती, माँ सरस्वती दैंण ह्वै जाए.
हिंग्वाली अन्वार तेरि, हंस की सवारी मैय्या, हंस की सवारी.
तू हमरी ज्ञानदात्री, हम त्यारा पुजारी मैय्या हम त्यारा पुजारी.
बुद्धि दी दिए मति दी दिए, माँ सरस्वती दैंण ह्वै जाए.
तेरि कृपा की चाह में छ्युं, सच्चाई की राह में छ्युं, सुण ले माँ पुकार.
जाति धर्म छोड़ि छाड़ि, नक विचार छोड़ि छाड़ि, भल दिए विचार.
ध्यान धरिए, भल करिए माँ सरस्वती दैंण ह्वै जाए.
श्वेत हंस, श्वेत कमल, श्वेत माला मोती.
एक हाथ में वींण छाजि रै, एक हाथ में पोथी.
झोली भरिए पार करिए माँ सरस्वती दैंण ह्वै जाए.
मन को अन्ध्यार मिटाए, ज्ञान को दीपक जलाए, ज्ञान को दीपक.
तेरि करछूं मैं विनती, मेरि धरिए लाज मैय्या, मेरि धरिए लाज.
ज्ञान दी दिए विवेक दी दिए मां सरस्वती दैंण ह्वै जाए.
दैंण ह्वै जाए माँ सरस्वती, माँ सरस्वती दैंण ह्वै जाए.
(Kumaoni Prayer)
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