फोटो: कमल जोशी
कहते हैं शिवरात्रि के बाद कुमाऊं की होली में यौवन का रंग भरने लगता है. शिवरात्रि के दिन से ही करीब दो महीने से चली आ रही बैठकी होली में रंग भी पड़ता है. निर्वाण, श्रृंगार से होती हुई होली अब अपने यौवन पर आती है और बच्चे गाते फिरते हैं- ए नथवाली लकड़ी दे दे…
(Kumaon Baithki Holi Almora)
करीब तीन-चार दशक पहले का समय होता तो इन दिनों मास्टर राम सिंह और देवी लाल वर्मा का तबला होता, विज्जी बाबू का मंजीरा और गुलाम उस्ताद की सारंगी और पूरे अल्मोड़े का माहौल होली के संगीत से सरोबार होता. कहीं ‘कौन गलियन गए श्याम’ सुनने को मिलता तो कहीं ‘आज राधे ब्रज को चली.’ अब सब पुरानी बात हो गयी जिसको केवल याद किया जा सकता है.
कुछ दशक पहले की बात की जाये तो बैठकी होली में कमरे की व्यवस्था सफेद रंग से की जाती थी. किसी बड़े से कमरे में सफेद रंग के सफेद चादरें, सफेद तकिये, पर्दे आदि लगाकर सजाया जाता था. गायक भी सफेद कुर्ता-पजामा और सफेद टोपी पहनकर आते. एक थाली में गुड़ रखा जाता और आने वाले मेहमानों के ऊपर इत्र छिड़का जाता है. बैठकी होली पूर्णतः शास्त्रीय रागों पर होती. गलत राग लगाने वाले को अच्छा नहीं माना जाता था और वह हँसी का पात्र बन जाता.
(Kumaon Baithki Holi Almora)
बसंत पंचमी से लेकर शिवरात्रि तक भक्ति और शृंगार में रची होली का गायन होती है.
आवत मोरे गलियन में गिरधारी
मैं तो छिप गई, लाज की मारी
आवत मोरे गलियन में गिरधारी
मैं तो छिप गई, लाज की मारी
कुशुमी पाग केशरिया जामा
उस पर हार हजारी
गल मोतियन की माल सुहावे
कुंदन की छवि न्यारी
छिप गई लाज की मारी
बैठकी होली की लुप्त होती परम्परा को आज भी अल्मोड़ा में अगर किसी ने संजोकर रखा है तो वह है हुक्का क्लब अल्मोड़ा और खजांची मौहल्ले के लोग जो आज भी पौष के पहले रविवार से लेकर छलड़ी तक एक साथ बैठकर बैठकी होली का आयोजन करते हैं. होली की बैठकी परम्परा पर युवाओं की मामूली रुचि इस परम्परा को बनाये रखने के लिये एक बड़ी चुनौती है.
(Kumaon Baithki Holi Almora)
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
Support Kafal Tree
.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…
अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…
हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…
आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…
बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…
आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…
View Comments
Kindly provide more information regarding d content. It is very short.