प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए लखनऊ में ‘कृषि कुंभ’ को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने इस कृषि कुंभ के दौरान जल संसाधनों के समुचित उपयोग, भंडारण के लिए बेहतर तकनीक अपनाने और खेती-बाड़ी में नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेयमाल करने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की जरूरत बताई.

उत्तर प्रदेश में आयोजित “कृषि कुम्भ 2018” के उद्घाटन समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र से प्राप्त आय किसानों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है. इसलिए सरकार आय केंद्रित बिंदु को ध्यातन में रखते हुए कृषि क्षेत्र का पुनरुत्थातन कर रही है. इसके तहत उच्चे उत्पारदकता सुनिश्चि्त करते हुए कृषि लागत में कमी करने और किसानों को उनके उत्पा.दों का पारिश्रमिक मूल्यस दिलाए जाने संबंधी लक्ष्यों पर ध्याकन देते हुए किसानों को कृषि क्षेत्र से अधिक आय दिलाने का मार्ग प्रशस्ति किया जा रहा है.

अपने संबोधन में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने बताया कि वर्ष 2022 तक सही मायनों में किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी लक्ष्यह को प्राप्त करने के लिए वर्ष 2009-2014 के लिए 121082 करोड़ रुपये के कृषि बजट की तुलना में वर्ष 2014-19 के दौरान बजट में 74.5 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इसे 211694 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि राष्ट्री य कृषि मंडी योजना (ई-नाम) बेहतर मूल्य सुनिश्चित करके कृषि बाजारों में व्यािपक बदलाव लाने वाली एक अभिनव बाजार प्रक्रिया है, जिससे किसानों को ‘एक राष्ट्रय एक मंडी’ की तरफ बढ़ने के लिए बेहतर पारिश्रमिक प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा आती है. ई-नाम पोर्टल द्वारा इलेक्ट्रॉमनिक रूप से जुड़े और कृषि उत्पाशद विपणन समितियों (एपीएमसी) के विनियमों से छूट प्राप्तर ये जीआरएएम किसानों के लिए उपभोक्ताणओं और थोक क्रेताओं को प्रत्यकक्ष बिक्री करने की सुविधा प्रदान की जा रही है. इसके अलावा, किसानों की आय को प्रमुख रूप से बढ़ाने के मद्देनजर सरकार ने उत्पाहदन लागत के कम से कम 150 प्रतिशत के स्त्र पर 2018-19 सीजन के लिए सभी खरीफ एवं रबी फसलों हेतु एमएसपी में वृद्धि अनुमोदित की है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और पुनर्संरचित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्यू सीआईएस) के अंतर्गत विशिष्टा मामलों में फसल पश्चाित जोखिमों सहित फसल चक्र के सभी चरणों में अत्यंयत कम प्रीमियम दरों पर किसानों के लिए बीमा कवर उपलब्धस होने की व्यूवस्था है. 3 लाख रुपये तक के अल्पाावधि फसल ऋणों पर 5 प्रतिशत (3 प्रतिशत तत्कााल पुनर्भुगतान प्रोत्सालहन सहित) तक कुल ब्याणज सब्सिडी की व्यसवस्थात है. इस प्रकार तत्कामल पुनर्भुगतान पर 4 प्रतिशत वार्षिक की घटी हुई ब्याकज दर पर किसानों के लिए ऋण उपलब्धा होता है.

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Girish Lohani

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