भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर हरिद्वार के किसान घाट से किसान क्रांति यात्रा रविवार को शुरू हो गई.विभिन्न मांगों के समर्थन में दिवंगत किसान नेता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद यात्रा में शामिल हजारों किसान दिल्ली के लिए कूच कर गए. किसानों की प्रमुख मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को तत्काल लागू किया जाए. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के नेतृत्व में प्रारंभ हुई.
यात्रा 2 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचेगी. महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद किसानों की समस्याओं को लेकर क्रांति का बिगुल फूंकेंगे. किसान यूनियन का आरोप है कि केंद्र सरकार किसानों के हितों को लेकर फैसले नहीं ले पा रही है. देश का किसान आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है. कर्ज के बोझ से दबे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं. किसानों की आय दोगुना करने की केंद्र सरकार की घोषणा भी कारगर सिद्ध नही हुई.
देश का किसान तंगहाली में अपना जीवन जी रहा है. किसानों के परिवार गरीबी में अपना जीवन जी रहे हैं. उन्होंने मांग की कि किसानों के हित में बनी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को तत्काल लागू किया जाए. 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके सभी किसानों को पेंशन दी जाए. फसल बीमा योजना में किसान के खेत को इकाई माना जाए. ट्रैक्टर व कृषि उपकरणों को जीएसटी के दायरे से बाहर किया जाए. किसानों को मुफ्त बिजली दी जाए। देश का किसान खुशहाल होगा तो देश प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि देश का किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं. सरकार चुप बैठी हैं. सरकार को जगाने के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग के अलावा उन्होंने किसानों का कर्ज माफ करने, दस साल की अवधि पर ट्रैक्टरों का निष्प्रयोज्य घोषित करने का फरमान वापस लेने की मांग उठाई है.
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