इस वर्ष केदारनाथ यात्रा के लिये भक्तों की भीड़ अन्य वर्षों की तुलना में बहुत अधिक बढ़ गयी है. पहले चार दिनों में केदारनाथ में यात्रियों की संख्या 80000 से अधिक बताई जा रही है. श्रद्धालुओं की भीड़ ने प्रशासन के पसीने छूटा दिये हैं. सरकार की ओर से भले कहा जा रहा हो कि सबकुछ ठीक है पर जमीनी हकीकत कुछ अलग है.
(Kedarnath Yatra 2022 Recommendations)
सरकार की ओर से केदारनाथ यात्रा पर आये श्रद्धालुओं के लिये जारी गाइडलाइंस में ‘केदारनाथ आइये’ के कुछ नहीं है. यात्रियों को नहीं पता उन्हें किस समय किस पड़ाव पर रोका जा सकता है. लम्बी दूरी तय करने के बाद अचानक घंटेभर के समय अंतर करने से यात्रियों में खासा रोष देखने को मिल रहा है. इस पर प्रशासन का तर्क है कि श्रद्धालुओं की संख्या और मौसम की स्थिति को देखते हुए इस तरह की तात्कालिक व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है. परिस्थितियों के अनुसार कभी भी श्रद्धालुओं को पड़ावों पर रोका जा सकता है ताकि केदारपुरी में किसी तरह की अव्यवस्था न हो.
पहले चार दिनों में पुलिस बैरियर पर श्रद्धालुओं के बीच अनेक बहसें होती देखी गयी हैं. यहां यह बात ध्यान रखी जानी चाहिये कि धार्मिक यात्राओं पर निकला यात्री पाई-पाई जोड़कर यात्रा पर आता है उस पर यात्रा का एक दिन केवल अतिरिक्त खर्च नहीं है. ऐसे में उसका आक्रोशित होना भी समझा जाना चाहिये. छिट-पुट घटनाओं को छोड़ दें तो अभी तक उत्तराखंड पुलिस ने अपने नाम मित्र पुलिस की तरह पूरे धैर्य के साथ काम किया है. मित्र पुलिस की ओर श्रद्धालुओं की हर संभव मदद की जा रही है.
(Kedarnath Yatra 2022 Recommendations)
केदारनाथ यात्रा के पहले चार दिनों में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें गुड़गाँव के प्रवीण सैनी की मौत खाई के पास पैर फिसलने से हुई जबकि पैदल मार्ग पर एक महिला की मौत तबियत बिगड़ने से हो गई. दो अन्य महिलाओं की जान केदारनाथ धाम में स्वास्थ्य खराब होने से चली गई. केदारनाथ धाम ने काफ़ी ठण्ड है जबकि श्रद्धालु बिना किसी तैयारी के वहां पहुंच जा रहे हैं और हाइपोथर्मिया के शिकार हो जा रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह यात्रा पर जाने से पहले पूरी तरह अपनी तैयारी कर लें.
केदारनाथ धाम में स्थित स्वास्थ्य केंद्र में सबसे ज्यादा मरीज हाइपोथर्मिया के आ रहे हैं. इससे बचने के लिये वही साधारण उपाय किये जाते हैं जो सर्दियों में बाहर निकलने पर ठंड से बचने के लिये किये जाते हैं. मसलन गर्म कपड़ों का इस्तेमाल, टोपी का इस्तेमाल, मोजों को इस्तेमाल या गर्म पानी का इस्तेमाल. एक अनुमान के अनुसार वर्तमान में केदारनाथ धाम में अपनी क्षमता से दोगुनी भीड़ जा रही है. ऐसे में प्रशासन को तो चौकस रहने की जरूरत है ही साथ में श्रद्धालुओं को भी पूरी जिम्मेदारी के साथ यात्रा करनी चाहिये.
(Kedarnath Yatra 2022 Recommendations)
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