JEE और NEET के लिए परीक्षा देने वाले छात्रों को 2019 से उच्च शिक्षा के लिए हाने वाली परीक्षाओं की कोचिंग के लिए किसी शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा. उच्च शिक्षा के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त सरकारी कोचिंग उपलब्ध कराई जाएगी. यह संभव हो पाएगा नैशनल टेस्टिंग एजेंसी की वजह से, जिसका गठन सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को आयोजित करवाने के लिए किया है.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को मुफ्त आयोजित करवाएगी. अपनी इस योजना के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी अपने 2,697 परीक्षण अभ्यास केंद्रों को अगले वर्ष से शिक्षण केंद्रों में परिवर्तित कर देगी. मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, ये प्रैक्टिस सेंटर 8 सितंबर से काम करना शुरू करेंगे. यह प्राइवेट कोचिंग सेंटरों के लिए बुरी खबर है, जो छात्रों से मोटी फीस लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करवाते हैं.
नि:शुल्क कोचिंग प्रदान करने की योजना के तहत छात्रों को सिर्फ टेस्ट की प्रैक्टिस ही नहीं कराई जाएगी, बल्कि यह पूरी तरह से टीचिंग सेंटर होगा. सबसे अच्छी बात यह होगी कि इस सेवा कि लिए छात्रों को कोई फीस नहीं देनी होगी. इस योजना से उन छात्रों को सबसे ज्यादा लाभ होगा जो, आर्थिक परेशानियों के कारण प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स में दाखिला नहीं ले पाते. इस कदम से ग्रामीण और अर्ध-शहरी उम्मीदवारों को भी लाभ होगा. इन सरकारी सेंटर्स में मई 2019 से पढ़ाई शुरू हो जाएगी.
सबसे पहले NTA उन उम्मीदवारों का मॉक टेस्ट लेगा जो आने वाले ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन-मेन्स(JEE-Main) 2019 में हिस्सा लेने वाले हैं. अभी के लिए सिर्फ JEE Main के उम्मीदवारों को मॉक टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा. इस साल NEET-UG परीक्षा ऑनलाइन नहीं हो रही है, इसलिए इस साल इसका मॉक टेस्ट नहीं हो सकेगा. NTA जल्द ही मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट लॉन्च करने वाली है. JEE-Main के ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू करेंगी. एक सितंबर से शुरू वाले आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की गई है.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…
इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …
तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…