समाज

जगह के नामों में इस्तेमाल होने वाले खाल के अर्थ

उत्तराखण्ड के दोनों ही मंडलों, कुमाऊँ व गढ़वाल, में खाल शब्द कई जगहों के नामों में जोड़ा जाता है. दोनों ही जगह इसका मतलब भूमि की एक ख़ास तरह की स्थिति से है. लेकिन दोनों मंडलों में इसके सन्दर्भ व अर्थ अलग-अलग हैं.

गढ़वाल में खाल का मतलब एक ऐसे भूभाग से है जो पहाड़ी के शिखर के नजदीक हो और इस गहरे, समतल भूभाग से पहाड़ के दोनों ओर के भूभाग को देखा जा सकता हो.

जैसे— केतखाल, कसरखसखाल, द्वारीखाल, जेहरीखाल, बुवाखाल, खजीरीखाल, किनगोड़ीखाल, बीरूखाल,  द्वारीखाल, हिंडोलखाल, मठाणखाल, चौबट्टाखाल, कल्जीखाल, रिखड़ीखाल, सौराखाल, पांडुवाखाल, कालिंदीखाल वगैरह.

उत्तराखण्ड में जगहों के नामों में क्यों लगता है खान

कुमाऊँ में खाल का मतलब गढ़वाल से भिन्न है. कुमाऊँ में इस शब्द का इस्तेमाल पहाड़ी के बीच की उस समतल जमीन के लिए किया जाता है जहाँ उसकी निचाई की वजह से पानी इकट्ठा हो जाता है.

जैसे— सुन्दरखाल, घोड़ाखाल, हाथीखाल, देवीखाल, बरहाखाल, बुंगाखाली, गैंडाखाली, गड़ियाखाली आदि.  

कभी किलों-दुर्गों की बहुतायत थी उत्तराखण्ड में   

(उत्तराखंड ज्ञानकोष, प्रो. डी. डी. शर्मा के आधार पर)       

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Sudhir Kumar

Recent Posts

उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ

उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…

1 week ago

जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया

अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…

2 weeks ago

कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी

हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…

2 weeks ago

पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद

आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…

2 weeks ago

चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी

बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…

2 weeks ago

माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम

आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…

2 weeks ago