पिछले कुछ समय से उत्तराखंड से जुड़ी खबरों में मेट्रोपोल शत्रु संपत्ति से जुड़ी खबर छाई है. मेट्रोपोल, 8.72 एकड़ भूमि में फैला नैनीताल का एक होटल हुआ करता था. 1880 में बना यह होटल गौथिक शैली में बना एक भवन है जिसमें अब तक आधा दर्जन भर से अधिक बार आगजनी की घटना हो चुकी है. कभी भारत के सबसे मशहूर होटलों में शामिल मेट्रोपोल होटल अब शत्रु संपत्ति के तौर पर जाना जाता है.
(History of Metropole Hotel Nainital)
मेट्रोपोल होटल अपनी भव्यता के लिये जाना जाता है. मेट्रोपोल होटल बनने के बाद ही इसकी जैसी लहरदार छत को ब्रिटिश दस्तावेजों में बतौर नैनीताल पैटर्न रूफ दर्ज किया गया है. बाद में अलग-अलग हिल स्टेशनों में बने अनेक ब्रिटिशकालीन भवनों में इस पैटर्न का इस्तेमाल किया गया. एक समय मेट्रोपोल होटल में 75 कमरे, 16 कॉटेज, 24 सरवेंट क्वार्टर तथा पांच टेनिस लॉन थे. कहा जाता है कि वर्तमान में बतौर पार्किंग इस्तेमाल की जाने वाली जगह पर ही कभी टेनिस कोर्ट हुआ करते थे.
यह दावा किया जाता है कि पाकिस्तान के जनक कहे जाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना 1919 में हनीमून के लिये नैनीताल आये थे. जिन्ना अपनी पत्नी रतीबाई के साथ मेट्रोपोल होटल में ही रुके थे. यह वह दौर था जब जिन्ना हिन्दू मुस्लिम एकता के दूत समझे जाते थे. अपनी नैनीताल की यात्रा के दौरान भी जिन्ना ने साम्प्रदायिक सौहार्द की बात कही थी.
(History of Metropole Hotel Nainital)
भारत की आज़ादी के समय नैनीताल मेट्रोपोल होटल का मालिकाना हक महमूदाबाद रियासत के नवाब के पास था. भारत पाकिस्तान विभाजन के समय नवाब ने होटल एक पारसी जोड़े को चलाने को दिया और ख़ुद ईरान जाकर रहने लगे. भारत पाकिस्तान के विभाजन के दस वर्ष बाद 1957 में नवाब ने पाकिस्तान की नागरिकता ले ली. 1968 में जब भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया जिसकी गाज नैनीताल स्थित इस आलिशान होटल पर भी पड़ी.
नवाब के वारिशों ने मेट्रोपोल होटल के मालिकाना हक़ के लिये एक लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ी. इस बीच मेट्रोपोल होटल महज लोगों की यादों और किस्सों का हिस्सा बनकर रह गया.
भारत सरकार ने 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया था. इसके तहत शत्रु संपत्ति को कस्टोडियन में रखने की सुविधा प्रदान की गई थी. केंद्र सरकार ने इसके लिये कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी विभाग का गठन किया. कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी विभाग को शत्रु संपत्तियों को अधिग्रहित करने का अधिकार दिया गया. इसके तहत ज़मीन, मकान, सोना, गहने, कंपनियों के शेयर और शत्रु देश के नागरिकों की किसी भी दूसरी संपत्ति को अधिकार में लिया जा सकता है.
(History of Metropole Hotel Nainital)
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