उत्तराखंड में लम्बे समय से प्राइवेट नौकरी करने वाले लड़कों को शादी के लिए लड़की न मिलने की ख़बर चल रही है. इस ख़बर से संबंधित गीत, कविता, कहानी और छोटे-छोटे वीडियो भी खूब सारे देखने को मिलते हैं. नेपाल जाकर बहु ले आना, फौजी लड़के से ही शादी करना, लड़कियों का पहाड़ में न रहना आदि इस ख़बर के इर्द-गिर्द कही सुनी जाने वाली बातें हैं.
(Girls Refused to Marry Agniveer)
इन बातों में एक बात और जुड़कर है. बात जुड़ी अग्निवीरों से. शादी के लिए लड़की न मिलने वाली बात अब तक केवल प्राइवेट नौकरी वाले लड़कों के लिए कही जाती थी लेकिन यह बात अब अग्निवीरों के लिये भी कही जा रही है. अमर उजाला अख़बार की एक ख़बर अनुसार अकेले डीडीहाट तहसील में करीब पांच से अधिक अग्निवीरों के परिजनों ने बताया कि उनके बेटों के लिए दुल्हन नहीं मिल रही हैं. लड़कियां उनसे शादी करने से सीधे-सीधे इन्कार कर दे रही हैं.
(Girls Refused to Marry Agniveer)
आम आदमी की नज़र में अग्निवीर का मतलब अस्थायी फौजी है. ऐसे में अधिकांश परिवार अपनी बेटी का रिश्ता अग्निवीर संग कराने से बच रहे हैं. लड़की का परिवार अग्निवीर से प्रश्न कर रहा है कि चार वर्ष बाद क्या होगा? प्रत्येक परिवार अपनी बेटी का सुरक्षित भविष्य चाहता है ऐसे में चार बरस की नौकरी वाले अग्निवीर को बेटी सौंपना परिवार के लिए भी कठिन फैसला है.
सोशियल मीडिया में ख़बर वायरल है कि शादी के लिए अनफ़िट अग्निवीर. भल मानस इस ख़बर में ख़ूब रस ले रही है, पक्ष और विपक्ष में अपने विचार रख रही है लेकिन लड़की के परिवार के पास एक वाज़िब सवाल तो है कि चार बरस बाद क्या होगा?
(Girls Refused to Marry Agniveer)
यहां यह बात जोड़ना जरूरी है कि नियमानुसार अग्निवीर योजना के तहत भर्ती कोई भी युवा इन चार वर्षों के भीतर विवाह कर ही नहीं सकता. पहाड़ों में इस नियम की जानकारी न होने के कारण अनेक परिवार वाले अपने अग्निवीर बेटों के लिए लड़की की खोजने लगे हैं.
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लड़की पक्ष की चिंता जायज है, 4 वर्ष पश्चात अग्निवीर का भविष्य ........... अनिश्चित है ।