उत्तराखंड में हो रही अतिवृष्टि के कारण हल्दानी में गौला नदी पर बने पुल एक तरफ का हिस्सा भरभरा का कर टूट गया. मौके पर मौजूद बनभूलपुरा पुलिस के अनुसार मंगलवार तड़के पुल के समीप जवान ड्यूटी पर तैनात थे. जहां अचानक कुछ आवाजें आने लगी. देखा तो गौला पूल का एक हिस्सा भरभरा कर नदी में समा गया.
(Gaula Bridge Broken in Haldwani)
पुलिस ने अब सुरक्षा को देखते हुए दोनों तरफ से आवाजाही पर रोक लगा दी है. पुलिस ने घर पर रहकर सुरक्षित रहने की अपील की है. घटना के संबंध में नैनीताल पुलिस ने अपने फेसबुक पेज से जानकारी साझा करते हुये लिखा-
कृपया अवगत कराना है, कि लगातार हो रही तेज बारिश के कारण खटीमा, सितारगंज, चोरगलिया को हल्द्वानी शहर से जोड़ने वाला गौला पुल का बड़ा हिस्सा गौला नदी के बहाव के कारण टूट चुका है. जिस कारण उक्त मार्ग का यातायात पूर्णरूप से अवरूद्ध है. कृपया सभी वाहन/व्यक्ति आपात स्थिति के लिए सुरक्षित मार्ग का उपयोग करें.
सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने कहा कि भारी बारिश से गौला नदी का जलस्तर बहुत अधिक बढ़ गया है. जिससे गौला पुल का एप्रोज क्षतिग्रस्त हो गया है और जाने के लिए बिलकुल ही रास्ता नहीं है. काठगोदाम स्थित गौला बैराज का जलस्तर 1993 के बाद आज 90000 क्यूसेक पहुंचा जो खतरे के निशान से काफ़ी ऊपर है.
(Gaula Bridge Broken in Haldwani)
गौला का नया पुल 364.76 मीटर लंबा है जिसमें पानी के अंदर नौ पिलर हैं. जुलाई 2008 में टूटने के बाद लोनिवि ने इसे नए सिरे से बनाया था, मगर कभी पानी के बहाव और कभी अवैध खनन के चक्कर में इसकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो चुके हैं. इसके निमार्ण को लेकर और भी पहले सवाल उठते रहे हैं. आइआइटी रुड़की व कमिश्नर की जांच में पुल के डिजाइन व निर्माण सामग्री पर सवाल खड़े किए जाने संबंधित आरोप भी इसमें शामिल हैं.
कुछ वर्ष पूर्व हाईकोर्ट ने भी हल्द्वानी गौला पुल के पिलरों के आसपास अवैध खनन किए जाने और इससे पुल को खतरा पैदा होने संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. इसी वर्ष सितम्बर माह में गौला नदी में बने पुल की मरम्मत की मांग को लेकर गौलापार के ग्रामीणों ने पुल पर प्रदर्शन भी किया था. ग्रामीणों ने मरम्मत की मांग को लेकर सीएम को ज्ञापन भी भेजा था.
(Gaula Bridge Broken in Haldwani)
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