समाज

एक आदमखोर की सच्ची कहानी ‘डेविल ऑफ चम्पावत’

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree

यह करीब 100 बरस पहले की बात है, कुमाऊं और नेपाल में महाकाली नदी से लगे एक बड़े इलाके में अचानक औरतें और बच्चे गायब होने लगे. बीसवीं सदी के इस पहले दशक में इलाके भर में किसी भूत का साया पड़ने की खबर फ़ैल चुकी थी. एक भूत जो दिन के उजाले में ही औरतों और बच्चों को अपना शिकार बना जाता है.
(Devil Of Champawat)

कोहराम के इस माहौल के में सैकड़ों औरतें और बच्चे अपनी जान गँवा चुके थे. जांच करने पर पाया गया औरतों और बच्चों को शिकार बनाने वाला कोई भूत है ही नहीं यह तो एक बाघिन है. 476 इंसानों को अपना शिकार बनाने वाली एक आदमखोर बाघिन जिसका नाम डेविल ऑफ चम्पावत नाम से गिनीज बुक में आज भी दर्ज है.  

डेविल ऑफ चम्पावत के बारे में कहा जाता है कि उसने अपना पहला शिकार पश्चिमी नेपाल के रूपल नाम के गांव में बनाया था. डेविल ऑफ चम्पावत नाम से मशहूर यह बाघिन संभवतः दुनिया की पहली बाघिन थी जिसे मारने के लिये सेना की नियुक्ति की गयी. नेपाल में करीब 200 लोगों का शिकार करने के बाद नेपाल के राजा ने बाघिन को पकड़ने के लिये अपनी सेना की एक टुकड़ी भेजी. नेपाल की सेना बाघिन को मारने में तो सफ़ल नहीं रही लेकिन उसे नेपाल की सीमा से खदेड़ने में सफ़ल हो गई.

अब बाघिन का नया इलाका महाकाली नदी का दूसरा छोर था. बेहद शातिर और बेख़ौफ़ बाघिन का नया इलाका कुमाऊं था. कुमाऊं पहुंचने तक बाघिन इतनी शातिर और बेख़ौफ़ हो चुकी थी कि दिन के उजाले में शिकार करना भी उसके लिये चुटकी का खेल बन गया. पलक झपकी और आदमी गायब. नये शिकार की तलाश में वह एक दिन में करीब 32 किमी तक की दूरी तय करने लगी.
(Devil Of Champawat)

डेविल ऑफ चम्पावत को मारने के लिये जिम कार्बेट की नियुक्ति हुई. कार्बेट का इससे पहले ऐसे किसी खूंखार आदमखोर से न हुआ था. 1907 के बरस बाघिन ने फुंगर गांव की एक 16 वर्ष की लड़की को अपना शिकार बनाया. खून के निशानों का पीछा करते हुये कार्बेट ने बाघिन को घेर लिया और अंधेरे में अपनी दो गोलियों से बाघिन को डराने के बाद तय किया कि बाघिन को अगले दिन ग्रामीणों की मदद से मारा जायेगा.

अगले दिन सूरज सिर चढ़ने को था जब कार्बेट ने तहसीलदार और 300 लोगों के समूह के साथ बाघिन को मारा गिराया. बाघिन के सीने में कार्बेट की पहली गोली लगी, दूसरी उसके कंधे पर जा घुसी. तहसीलदार की बंदूक से आखिरी गोली निकली जो बाघिन के पैर पर गढ़ी. 436 इंसानों को अपना शिकार बनाने वाली यह बाघिन दुनिया की सबसे खूंखार बाघिन है. 436 का यह आंकड़ा दर्ज किया गया आधिकारिक आंकड़ा है. दुनिया में सबसे अधिक इंसानों को अपना शिकार बनाने वाली इस बाघिन को आज भी ‘डेविल ऑफ चम्पावत’ नाम से ही जाना जाता है.
(Devil Of Champawat)

काफल ट्री फाउंडेशन

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

View Comments

  • हल्द्वानी रानी बाग में पिछले 1 दसक से जनता की लगातार मांग करने से ताकिगोला नदी में गंदगी एवं जल प्रदूषण ना हो। विद्युत शव दाह ग्रह स्थापित करने का है वह पूर्ण हो गया है मगर हास्य पद बात यह है की उसे ट्राई करने के लिए काफी समय से एक लावारिस लाश नहीं मिल पा रही है तो इतना इंतजार क्यों किसी अन्य मुर्दे के परिजनो से बात कर उसका भी ट्रायल किया जा सकता है ।मैं समझता हूं कोई भी व्यक्ति इससे इनकार नहीं करेगा।
    टिप्पणिकार खीम सिंह रावत हल्द्वानी से

Recent Posts

उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ

उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…

3 days ago

जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया

अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…

7 days ago

कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी

हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…

7 days ago

पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद

आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…

7 days ago

चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी

बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…

7 days ago

माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम

आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…

7 days ago