Featured

हल्द्वानी में पसरी डेंगू की महामारी के बीच जरूरी है इन सवालों का पूछा जाना

अब आपको जो बातें शेयर करने वाला हूँ, उससे आपको चौंक जाना चाहिए. खनन, रियल स्टेट, मंडी के कारोबार के बाद स्कूल व अस्पताल के धंधे वाले अपने शहर हल्द्वानी में ड़ेंगू से अब तक 17-18 लोग जान गंवा चुके हैं. दुःखद ही नहीं गंभीर चिंता का विषय है. लेकिन अपने सिस्टम के लिए यह सामान्य प्रतीत होता है. अगर वाकई में थोड़ा भी कष्ट हुआ होता तो कोई तो संवेदना व्यक्त करता. सत्ता पक्ष सत्ता के मद में चूर है और विपक्ष भी विरोध की महज औपचारिकता ही पूरी कर ले रहा है. Dengue in Haldwani and Some Questions

मुद्दे पर आ जाते हैं. दैनिक जागरण में मेरी खबर आपने पढ़ ली होगी. फिर भी कुछ और स्पष्ट करना चाहूंगा. 17 लोगों की मौत. जांच हुई सिर्फ 6 की. इसमें भी तीन मल्टी ऑर्गेन फेलियर के हैं. दो को डेंगू दिखाया है.  Dengue in Haldwani and Some Questions

‘दैनिक जागरण’ में लेखक की रिपोर्ट

एक मरीज के मौत का कारण लिखा है – May be intestine-bleeding.  

शायद (May be)  मरीज को डेंगू भी हो सकता है लेकिन दिखाना नहीं है. सरकार की छवि खराब हो जाएगी. अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ जाएगी. पब्लिक में गलत मेसेज चला जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के डेंगू डेथ रिपोर्ट की ये है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट. इसके अलावा अन्य मरीजों की मौत को लेकर भी मल्टी ऑर्गेन फेलियर ही कहा जा रहा है.

सीधा सवाल ये है कि क्यों डेंगू सीजन में ही एक के बाद एक मरीज मल्टी ऑर्गेन फेलियर से ही मर रहे हैं? किसके पास है इसका जवाब.

कुछ और अहम सवाल:

  • अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने सभी मरीजों की डेथ रिपोर्ट तैयार क्यों नहीं की?
  • डीएम सविन बंसल जी ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया?
  • नगर के प्रथम नागरिक मेयर डॉ जोगेंद्र रौतेला जी ने मामले को गंभीरता से क्यों नहीं लिया?
  • इसी शहर में प्रभावी विधायक, मंत्री, दर्जा मंत्री भी हैं , ये सब कहाँ चले गए हैं? जनता के पैसे से पद की गरिमा बढ़ाने वालों की क्या कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है?
  • हालांकि, सीएमओ डॉ भारती राणा कहती हैं, मौतों की specialized investigation के लिए मैंने 15 दिन पहले उच्चाधिकारियों को लिखा है. आगे क्या होगा?

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का इस बार का संदेश है आत्महत्या की रोकथाम

गणेश जोशीहल्द्वानी निवासी गणेश जोशी एक समाचार पत्र में वरिष्ठ संवाददाता हैं. गणेश सोशल मीडिया पर अपना ‘सीधा सवाल’ सीरीज में अनेक समसामयिक मुद्दों पर जिम्मेदार अफसरों, नेताओ आदि को कटघरे में खड़ा करते हैं. काफल ट्री की शुरुआत से हमारे सहयोगी.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

अंतिम प्यार : रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी

आर्ट स्कूल के प्रोफेसर मनमोहन बाबू घर पर बैठे मित्रों के साथ मनोरंजन कर रहे…

2 hours ago

माँ का सिलबट्टे से प्रेम

स्त्री अपने घर के वृत्त में ही परिवर्तन के चाक पर घूमती रहती है. वह…

1 day ago

‘राजुला मालूशाही’ ख्वाबों में बनी एक प्रेम कहानी

कोक स्टूडियो में, कमला देवी, नेहा कक्कड़ और नितेश बिष्ट (हुड़का) की बंदगी में कुमाऊं…

3 days ago

भूत की चुटिया हाथ

लोगों के नौनिहाल स्कूल पढ़ने जाते और गब्दू गुएरों (ग्वालों) के साथ गुच्छी खेलने सामने…

4 days ago

यूट्यूब में ट्रेंड हो रहा है कुमाऊनी गाना

यूट्यूब के ट्रेंडिंग चार्ट में एक गीत ट्रेंड हो रहा है सोनचड़ी. बागेश्वर की कमला…

4 days ago

पहाड़ों में मत्स्य आखेट

गर्मियों का सीजन शुरू होते ही पहाड़ के गाड़-गधेरों में मछुआरें अक्सर दिखने शुरू हो…

5 days ago