हैडलाइन्स

25 बरस के हुये आज कुमाऊं के दो जिले

साल 1997 तक कुमाऊं मंडल में अल्मोड़ा एक प्रमुख जिला था. एक तरफ जहां पूरे पर्वतीय क्षेत्र को अलग राज्य बनाने की मांग ने जोर पकड़ा था वहीं दूसरी ओर बागेश्वर और चम्पावत क्षेत्र के लोग चाहते थे कि उन्हें अलग जिला घोषित किया जाये. 1997 के वर्ष इस पर्वतीय क्षेत्र में तीन जिले बनाये गये. पहला चम्पावत दूसरा बागेश्वर और तीसरा रुद्रप्रयाग.
(Champawat Bageshwar District Uttarakhand)

चम्पावत और बागेश्वर जिले का न केवल अपना एक इतिहास रहा है बल्कि पूरे कुमाऊं क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रही है. आधुनिक काल के इतिहास में अगर केवल स्वतंत्रता आन्दोलन की बात की जाये तो चम्पावत की धरती में 1857 की क्रांति के वीर कालू महरा हुए हैं. बागेश्वर की बात करें तो कुली बेगार आन्दोलन को कौन भुला सकता है.

भले ही चम्पावत और बागेश्वर एक जिले के तौर पर साल 16 सिंतबर 1997 को बने हों लेकिन इन दोनों का उल्लेख पुराणों में हुआ है. वायुपुराण के अनुसार चम्पावत पुरी नागा साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था. चम्पावत जिले में आज भी अनेक पौराणिक महत्त्व के दर्शनीय स्थल हैं.  

बागेश्वर कई बागनाथ मंदिर का जिक्र शिव पुराण में हुआ है. वर्तमान बागेश्वर क्षेत्र ऐतिहासिक तौर पर दानपुर के नाम से जाना जाता था, और 7वीं शताब्दी के समय यहाँ कत्यूरी राजवंश का शासन था.
(Champawat Bageshwar District Uttarakhand)

चम्पावत और बागेश्वर दोनों ही जिलों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. दोनों जिले में शानदार लैंडस्केप व्यू के लिये पर्यटकों के बीच खासे जाने जाते हैं. बागनाथ मंदिर, बैजनाथ मंदिर, चंडिका मंदिर, श्रीहरु मंदिर, गौरी उडियार मंदिर, अग्निकुंड मंदिर, रामजी मंदिर, नीलेश्वर महादेव, प्रकतेश्वर महादेव, कौसानी आदि बागेश्वर के कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं.         

देवीधुरा,नागनाथ मंदिर, एक हथिया  नौला, बालेश्वर मंदिर, क्रांतेश्वर महादेव, मीठा रीठा साहिब, लोहाघाट, पूर्णागिरी  मंदिर, मायावती आश्रम, एबॉट माउंट, बाणासुर का किला, पंचेश्वर, श्यामलाताल चम्पावत के कुछ दर्शनीय स्थल हैं.

आज ही के दिन साल 1997 में चम्पावत और बागेश्वर जिले का गठन हुआ था.
(Champawat Bageshwar District Uttarakhand)

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री फाउंडेशन

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल

किसी भी समाज के निर्माण से लेकर उसके सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास में शिक्षा की …

1 week ago

चप्पलों के अच्छे दिन

लंबे अरसे से वह बेरोज़गारों के पाँव तले घिसती हुई जिन्स की इमेज ढोती रही.…

2 weeks ago

छिपलाकोट अंतरयात्रा : चल उड़ जा रे पंछी

पिछली कड़ी : छिपलाकोट अंतरयात्रा : वो भूली दास्तां, लो फिर याद आ गई सुबह…

2 weeks ago

बिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलि

पहाड़ों में इन दिनों होता है आनन्द और उत्सव का माहौल. अगले कुछ दिन गाँव…

2 weeks ago

‘कल फिर जब सुबह होगी’ आंचलिक साहित्य की नई, ताज़ी और रससिक्त विधा

हमारी दुनिया एक फ़ैसला-कुन तरीके से उलट रही थी जब ये जुमला बहुत आहिस्ता से…

2 weeks ago

कसारदेवी के पहाड़ से ब्लू सुपरमून

Once in a blue moon, आपने अक्सर अंग्रेज़ी की इस कहावत का ज़िक्र किया होगा…

2 weeks ago